Himachal Pradesh में आयोजित खेलकूद एवं ड्यूटी प्रतियोगिता में धर्मशाला ने मारी बाजी
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh2451857

Himachal Pradesh में आयोजित खेलकूद एवं ड्यूटी प्रतियोगिता में धर्मशाला ने मारी बाजी

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में 25वीं राज्य स्तरीय वन खेलकूद एवं ड्यूटी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में धर्मशाला पहले स्थान पर रहा, चंबा दूसरे और कुल्लू तीसरे स्थान पर रहा. 

 

Himachal Pradesh में आयोजित खेलकूद एवं ड्यूटी प्रतियोगिता में धर्मशाला ने मारी बाजी

विपन कुमार/धर्मशाला: 25वीं राज्य स्तरीय वन खेलकूद एवं ड्यूटी प्रतियोगिता में मार्च पास्ट में धर्मशाला पहले स्थान पर रहा, चंबा दूसरे और कुल्लू तीसरे स्थान पर रहा. इसी तरह से 800 मीटर की दौड़ में पुरूष वर्ग में मंडी के कुलविंदर ने पहला, सोलन के जसवीर ने दूसरा, धर्मशाला के रिशव ने तीसरा और चंबा के मनीष कुमार ने चौथा स्थान प्राप्त किया. इसी तरह महिला वर्ग की 800 मीटर की दौड़ में नाहन की मनीषा ठाकुर ने पहला, चंबा की दीपिका ने दूसरा और शिमला की अर्चना ने तीसरा स्थान हासिल किया. 

राज्य वन खेलकूद प्रतियोगिता का मुख्य संसदीय सचिव सुंदर लाल ठाकुर ने विधिवत शुभारंभ करते हुए कहा कि वन विभाग के फील्ड अधिकारियों को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए प्रत्येक वन अधिकारी और कर्मचारी का शारीरिक तौर पर तंदरूस्त होना बेहद जरूरी है.

Himachal Pradesh को नशा मुक्त बनाने का संदेश देते हुए मैराथन का आयोजन

सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि 25 वीं राज्य वन खेलकूद प्रतियोगिता में 13 वन वृतों के 800 वन कर्मचारी प्रतिभागी के रूप में विभिन्न खेलों में भाग लेने के एकत्रित हुए हैं. इस बार खेलकूद प्रतियोगिता में एथलेटिक्स के विभिन्न इवेंट शामिल किए गए हैं. ईको टूरिज्म में केरल, कर्नाटक, सिक्किम और भूटान के मॉडल से बेहतर मॉडल हिमाचल प्रदेश लेकर आ रहा है. ईको टूरिज्म में पहले भी कुछ साइटें दे चुके हैं, साथ ही कुछ और साइटें भी सरकार निजी क्षेत्र में देने के लिए तैयार है.

सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि वनों को बचाकर टूरिज्म को बढ़ावा देना ही वन विभाग का काम है. ईको टूरिज्म के तहत पर्यावरण का संरक्षण करते हुए ऐसे पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा, इसके लिए प्रदेश भर में जो स्थल पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो सकते हैं, उन्हें निजी क्षेत्र में देकर ईको टूरिज्म को शुरू किया जा रहा है.

"Himachal Pradesh में बिना पंजीकरण के आकर रहने वाला संत और हिंदू भी दुश्मन"

उन्होंने कहा कि पूर्व में हिमाचल में जो सरकारें रही हैं, उनका केंद्र से वार्तालाप नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रालयों से संवाद का जो क्रम शुरू किया है, उसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं और हिमाचल को वन भूमि संबंधी अनुमतियां मिल रही हैं. जिन फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए वर्षों लग जाते थे, उन्हें अब चंद महीनों में क्लीयर किया जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि पहले वनों में इमारती लकड़ी वाले पौधे लगाए जाते थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने पौधारोपण कार्यक्रम के तहत 60 फीसदी पौधे फलों के लगाने की बात कही है, जिससे स्थानीय महिला व युवक मंडलों की कमाई का भी साधन उत्पन्न होगा. इसके लिए जल्द ही सेंट्रल कमिटी बनाएंगे. नर्सरी में फलों के पौधे तैयार करने में समय लगेगा. ऐसे में प्रयास किया जाएगा कि फलों के पौधे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और नॉर्थ ईस्ट स्टेट से खरीदे जाएं.

WATCH LIVE TV

Trending news