Himachal Latest News: हिमाचल के उप मुख्यमंत्री बोले पहाड़ियों का दरकना चिंता का विषय है. इस बार की आई आपदा से प्रदेश को 12 हजार करोड रुपए का नुकसान हुआ है.
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Dharamshala News: प्रदेश में पहाड़ बे-तरतीब तरीके से काटे गए हैं. मैंने पूर्व में बतौर उद्योग मंत्री भी यह बात कही थी कि पहाड़ों का कटान सही से नहीं हो रही है. यह बात डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री ने मंगलवार को प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड मुख्यालय के सभागार में प्रेसवार्ता में कही. डिप्टी सीएम ने कहा कि बे-तरतीब पहाड़ काटकर उसकी सामग्री को ठेकेदारों ने यूज कर लिया. पहाड़ियों का दरकना चिंता का विषय है. आपदा में लोगों के मकान ही नहीं टूटे, बल्कि दिल टूटे हैं. हिमाचल में आए संकट को पूरा देश देख रहा है. त्रास्दी अपने पीछे कई सवाल छोड़ जाती है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिला कांगड़ा में पहाड़ियां दरकने से ज्यादा नुकसान हुआ है. मेरी आज भी डीसी कांगड़ा से बात हुई है कि पहाड़ियां दरकने की असली वजह क्या है. यह जानने के लिए बड़ी एजेंसियां हायर की जाएं. आपदा के लिए डैम, फोरलेन, पहाड़ियों को दोषी ठहराया जा रहा है, असली वजह क्या है, यह तो भू-वैज्ञानिक ही बता पाएंगे.
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिला कांगड़ा में जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरफ, एनडीआरएफ द्वारा 3,000 लोगों को रेस्क्यू किया गया. जिला में अभी भी करीब 500 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. जिला में 1,300 मकानों को आपदा से नुकसान पहुंचा है, जिनमें 400 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं. जिला में आपदा से हुए नुकसान पर 4 करोड़ की राशि की फौरी राहत के तौर पर वितरित की जा चुकी है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश का स्वच्छ व गुणवत्तापूर्ण पानी देश से लेकर विदेश तक पहुंच गया है. कई लोगों ने हिमाचल का पानी बेचकर अरबों रुपये कमा लिया और हमारे लोग बोतलों की तरफ भाग रहे हैं. ऐसे में अब प्रदेश के गुणवत्तायुक्त पानी को भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान जान जोखिम में डालकर राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा. जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के सहयोग से तत्परता से कार्य करते हुए जिला में जानी नुकसान को कम करने का प्रयास किया है. प्रभावितों के जख्मों पर सरकार मरहम लगाने का काम कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष के आंकड़ों को लेकर उठाए सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि त्रास्दी राजनीति का विषय नहीं है. इस त्रास्दी का मंजर कोरोना से भी भयानक रहा है. बस्तियां, मोहल्ले उजड़ गए. उन्होंने कहा कि हम राजनीति नहीं करना चाहते, यदि विपक्ष को लगता है कि कुछ और किया जाना चाहिए तो बताएं, हम काम करने को तैयार हैं.