Bilaspur News: प्रदेश सरकार द्वारा टॉयलेट टैक्स नोटिफिकेशन वापस लेने के मामले पर भाजपा ने साधा निशाना. कहा निर्णय वापस लेते ही सीएम सुक्खू ने कोई भी ऐसा निर्णय ना लेने का बयान जनता को गुमराह कर रहा.
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Bilaspur News: हिमाचल सरकार द्वारा भले ही टॉयलेट टैक्स लगाए जाने का निर्णय वापस ले लिया गया हो, लेकिन इस मसले पर सियासत लगातार गर्माती जा रही है. जी हां, सर्किट हाउस बिलासपुर में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा विधायकों ने टॉयलेट टैक्स मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
वहीं, भाजपा द्वारा जारी प्रेसवार्ता कर दौरान नैनादेवी से विधायक व हिमाचल बीजेपी मीडिया संयोजक, बिलासपुर सदर विधायक त्रिलोक जम्वाल व झंडूता विधायक जीतराम कटवाल सहित पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे. हिमाचल सरकार द्वारा टॉयलेट टैक्स निर्णय को वापस लेने के मामले पर चुटकी लेते हुए विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि टॉयलेट टैक्स के निर्णय से जहां पूरे देश में हिमाचल सरकार की खिल्ली उड़ी है, तो वहीं अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा इस तरह का कोई निर्णय ना लिए जाने का बयान देना प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला है.
रणधीर शर्मा ने 21 सितंबर को टॉयलेट टैक्स लागू करने की नोटिफिकेशन और फिर वापस लेने की नोटिफिकेशन की कॉपी को सार्वजनिक करते हुए भारी जन दबाव में आकर ही इस निर्णय को वापस लिया है. वहीं प्रदेश सरकार द्वारा बीते वर्ष प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बदले में केंद्र सरकार द्वारा कोई भी आर्थिक मदद ना देने के आरोपों पर भी रणधीर शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को आर्थिक मदद के रूप में 1,782 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन 31 मार्च तक प्रदेश सरकार 140 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाई थी.
यही नहीं रणधीर शर्मा नर भनुपल्ली-बिलासपुर रेलवे लाइन निर्माण के बजट में 75 प्रतिशत केंद्र सरकार देना है व 25 प्रतिशत प्रदेश सरकार की देनदारी है, जो कि 1,350 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है और अब प्रदेश सरकार यह पैसा देने से इंकार कर रही है, जिससे साफ हो चला है कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के प्रोजेक्टस को रोकने का काम कर रही है.
वहीं, बिलासपुर से विधायक त्रिलोक जम्वाल ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री किसी भी बयान देने के लिए फ्री हैंड नहीं है, जिसका नतीजा है कि प्रदेश के तीन-तीन मंत्री अपने ही बयानों से प्रदेश सरकार व कांग्रेस हाई कमान के दबाव के बाद पीछे हट जाते हैं. त्रिलोक जम्वाल का कहना है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री यूपी दौरे से वापस आकर हिमाचल में भी यूपी शिक्षा मॉडल को अपनाने की बात कहते हैं और फिर मुकर जाते हैं.
ऐसा ही पहले कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध द्वारा संजौली मस्जिद विवाद पर विधानसभा में खुल कर चर्चा की गई, लेकिन बाद में पीछे हट गए और इसके अलावा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा यूपी की तर्ज पर रेहड़ी फेरी वालों नेम प्लेट लगाने के बयान पर भी चुप्पी साधना साफ करता है कि प्रदेश सरकार व कांग्रेस हाई कमान के दबाव में कैबिनेट मंत्री खुलकर बयान नहीं दे पा रहे हैं.
वहीं विधायक त्रिलोक जम्वाल ने प्रदेश सरकार को सद्बुद्धि देने और प्रदेश में अच्छे मॉड्लस को अपनाने के लिए सरकार को आगे आने की नसीहत भी दी है.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर