Bilaspur: 'वन टाइम सेटलमेंट' की मांग को लेकर बिलासपुर के किसानों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
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Bilaspur: 'वन टाइम सेटलमेंट' की मांग को लेकर बिलासपुर के किसानों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

One Time Settlement: बिलासपुर के किसानों ने वन टाइम सेटलमेंट की मांग को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा किसानों को दिए गए ऋण को ब्याज सहित 31 जनवरी तक लौटने व जमीन कुर्क करने के नोटिस से किसानों में दिखी नाराजगी.

 

  • Himachal Pradesh/विजय भारद्वाज: हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ऋण उपलब्ध करवाया जाता है ताकि प्रदेश के किसानों को अच्छी पैदावार के लिए आर्थिक सहायता मिल सके और ज्यादा उत्पादन कर वह अपनी आर्थिकी को सुधार सके. मगर वहीं बिलासपुर जिला के किसानों द्वारा बैंक से लिए ऋण व उसके ब्याज को पूरी अदायगी ना होने के चलते अब बैंक द्वारा 31 जनवरी तक ब्याज सहित ऋण अदा ना करने पर जमीन की कुर्की किए जाने का नोटिस भेजा गया है जिससे नाराज किसानों ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर अतिरिक्त उपायुक्त डॉक्टर निधि पटेल के जरिए मुख्यमंत्री एक ज्ञापन भेजकर मामले का संज्ञान लेने व 'वन टाइम सेटलमेंट' कर मामले को सुलझाने की अपील की है. 
  • वहीं किसानों की मांगों के हक में आगे आकर अखिल भारतीय किसान सभा हिमाचल प्रदेश ने भी प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर सरकार ने किसानोें के ऋणों को वन टाईम सेटलमेंट के तहत नहीं सुलझाया तो आने वाले समय में किसान सभा की अगुवाई में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक का घेराव किया जाएगा. 
  • वहीं किसानों का कहना है कि बैंक के तानाशाही रवैये के कारण करीब 200 किसान भूमिहीन हो जाएंगे. बैंक ने किसानों को 31 जनवरी से पहले ब्याज सहित ऋण जमा करवाने की हिदायत दी है, जो कि उचित नहीं है. वहीं हिमाचल प्रदेश किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक कृष्ण कुमार कौशल ने कहा कि प्रदेश के किसानों ने कृषि कार्यों के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से ऋण लिया था मगर मौसम की मार से फसल बर्बाद होने के चकते यह किसान लिए गए ऋण को नहीं लौटा सके, जिस कारण संबंधित बैंक प्रबंधन ने अब संबंधित किसानों की जमीने कुर्क करने के नोटिस जारी कर दिए हैं, जिससे किसान काफी परेशान है. 
  • साथ ही उन्होंने कहा कि बैक प्रबंधन ने इन किसानों को 31 जनवरी तक भारी भरकम ब्याज सहित कृषि ऋणों को लौटाने का कहा है लेकिन इनमें से कई किसान ऐसे हैं जो बेहद गरीब है और वह इन ऋणों को लौटाने में असमर्थ है. उन्होेंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि किसानोें के ऋणों को वन टाईम सेटलमेंट के तहत सुलझाया जाए और ऋण चुकाने की समय सीमा को बढाया जाए, ताकि किसान अपने ऋणों को चुका सके अन्यथा किसानों को सरकार व बैंक प्रबंधन के खिलाफ संघर्ष करने पर बाध्य होना पड़ेगा. 
  • वहीं बैंक से नोटिस प्राप्त करने किसान चमन, राकेश कुमार व सोल दास का कहना है कि कृषि के लिए जितना ऋण उन्होंने बैंक से लिया था उसमें से आधे से अधिक ऋण ब्याज सहित वापिस कर दिया है मगर पहले कोविड के चलते और फिर मौसम की मार के चलते वह कुछ किस्तें बैंक को देने में असमर्थ हो गए थे, जिसका ब्याज ही इतना ज्यादा हो गया है कि सभी किसानों पर ओवर ड्यू का अतिरिक्त बोझ पड़ गया है इसलिए सभी किसान सरकार से मांग करते हैं कि वन टाइम सेटेलमेंट के जरिए मामला सुलझाया जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके और उनकी जमीन कुर्क होने से बच सके.

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