Bilaspur News: बिलासपुर की कीर्ति युवा उद्यमी के रूप में अंतराष्ट्रीय जगत में हुई प्रसिद्ध, कीर्ति चंदेल ने उद्यमिता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किया कमाल तो विश्व पर्यटन दिवस के खास मौक़े पर कीर्ति चंदेल द्वारा विश्व पर्यटन के क्षेत्र में गूगल एलक्सा की तरह ही "वू-हू" तकनीक को ईजाद करने के चलते किया सम्मानित.
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Bilaspur News: युवा उद्यमी कीर्ति चंदेल ने एक बार फिर से बिलासपुर जिला का नाम रोशन किया है. विश्व पर्यटन दिवस पर कीर्ति चंदेल की पर्यटन को लेकर इज़ाद की गई. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सेवाओं को संयुक्त राष्ट्र ने सराहते हुए पुरुस्कृत किया है. कीर्ति चंदेल विश्व स्तर पर पर्यटन पर गूगल एल्सका की तरह "वू-हू" तकनीक को इज़ाद किया है.
वर्तमान में कीर्ति ने अपनी कम्पनी सिंगापुर में स्पार्कल हेज़ "Sparkle Haze" इज़ाद कर डाली है. यह कंपनी विश्व में भ्रमण करने वाले पर्यटकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सेवाएं प्रदान करती है. इस कम्पनी की "वू-हू" तकनीक वैश्विक स्तर पर पर्यटकों के जायके, उनके रहन-सहन, उनके स्वभाव, उनकी पसंदीदा जगहों के बारे में अवगत करवाती रहती है और उनकी सुख-सुविधाओं का ध्यान रखती है.
संयुक्त राष्ट्र की संस्था "संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संस्था" यानी यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज़म ऑर्गेनाइजेशन (UNWTO) के द्वारा मनाए गए विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर ''रियाद" में कीर्ति चंदेल की सेवाओं को सराहा गया व उन्हें सम्मानित भी किया गया और महिला युवा उद्यमी के रूप कीर्ति की प्रसंशा करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नया कदम है.
वर्तमान में कीर्ति सिंगापुर की सरकार के सहयोग से साऊथ ईस्ट एशिया और यूरोप के कई देशों के भ्रमण करके अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व वू-हू सेवाओं का लोहा मनवा चुकी है. इससे पहले कीर्ति चंदेल पिछले वर्ष भी कई एशियन सम्मान प्राप्त कर चुकी है. कीर्ति के संघर्ष की कहानी को अंतराष्ट्रीय मीडिया की कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने भी प्रमुखता से स्थान दिया है.
गौरतलब है कि कीर्ति चंदेल बिलासपुर पब्लिक स्कूल से दसवीं, राजकीय उच्च वरिष्ठ कन्या पाठशाला बिलासपुर से बाहरवीं की परीक्षा पास करने के बाद बद्दी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिकस व कम्प्यूटर में स्नातक (बी.टेक), कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम.टेक) की पढ़ाई की है.
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वहीं अपनी इस उपलब्धि को लेकर कीर्ति चन्देल का कहना है कि भारतवर्ष और हिमाचल प्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और आज यहां की युवा उद्यमी महिलाएं गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, ऐप्पल, शाओमी, अमेजॉन, सिविल इंजीनियरिंग, शिपिंग और बैंकिंग कम्पनियों में नई से नई तकनीकों के माध्यम से अपने व्यक्तिगत उद्यम बना कर इन बड़ी-बड़ी कम्पनियों की सहायक उद्यमी बन कर विश्व स्तर पर काम कर रही है और मेरी कम्पनी "स्पार्कल हेज़" भी उसी कड़ी का हिस्सा है. इससे हमारी सरकारों को बच्चों के लिए मोटिवेशनल योजनाएं लेकर प्रोत्साहित करना चाहिए, अगर ऐसा होता है तो आने वाले 15 से 20 वर्षों में विश्व की बड़ी-बड़ी कम्पनियां पर भारतीय टेलेंट का अधिपत्य होगा.