राजस्थान में कैसे रुकेंगे हादसे, जिस योजना को डेढ़ साल पहले मंजूरी उसकी फाइल अब तक अटकी
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राजस्थान में कैसे रुकेंगे हादसे, जिस योजना को डेढ़ साल पहले मंजूरी उसकी फाइल अब तक अटकी

Rajsthan News: राजस्थान सहित देश में दुर्घटनाओं के कारण सड़कें लाल हो रही हैं. सड़क दुघर्टनाओं को लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों चिंतित है और इन्हें रोकने के लिए लिए समय समय पर उपाय भी किए जा रहे हैं. लेकिन सड़क दुर्घटना में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. राजस्थान भारत में सड़क दुर्घटना में चौथे स्थान पर है. 

राजस्थान में कैसे रुकेंगे हादसे, जिस योजना को डेढ़ साल पहले मंजूरी उसकी फाइल अब तक अटकी

Rajsthan News: प्रदेश में हाईवे पर हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार चिंता जता रही है प्लान भी बना रही है लेकिन सरकारी सिस्टम इसमें ''ब्रेकर'' बन रहा है. सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान बचाने के लिए ट्रैफिक एड पोस्ट बनाने की घोषणा कर दी. ट्रैफिक एड पोस्ट गठन की अधिसचूना जारी कर दी. लेकिन डेढ़ साल बाद भी सरकारी फाइलें छोड़कर जान बचाने वाले ''देवदूत'' हाईवे पर नहीं उतर पाए हैं. ट्रैफिक एड पोस्टों में लगने वाले पुलिस बल की मंजूरी सरकार में अटकी हुई है.

राजस्थान सहित देश में दुर्घटनाओं के कारण सड़कें लाल हो रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हाईवे या एक्सप्रेस वे पर हो रही हैं. कुछ सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और कुछ मामलों में घायलों को समय पर सहायता मिल जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है. सड़क दुघर्टनाओं को लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों चिंतित है और इन्हें रोकने के लिए लिए समय समय पर उपाय भी किए जा रहे हैं. लेकिन सिस्टम ही ऐसा है कि वो धरातल पर नहीं उतर पाए हैं. राज्य सरकार ने भी सड़क दुर्घटनाओं पर कंट्रोल और घायलों को त्वरित सहायता मिल सके इसके लिए हाईवे पर ट्रैफिक एड पोस्ट की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री अशोक गलोत ने दो साल पहले बजट में इन Traffic Aid Post की घोषणा की थी. लेकिन वो अब तक भी हाईवे पर नहीं उतर पाई है

सड़क दुर्घटना में कितने स्थान पर है राजस्थान
विश्व में होने वाली सड़क दुर्घटना मौतों में 11% के साथ भारत दुनिया में सबसे ऊपर है. वहीं देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में 6.8 प्रतिशत मौत राजस्थान में हो रही है. सड़क दुर्घनाओं के मामले में देश में राजस्थान में नौवें और मौतों के मामले में चौथे नम्बर पर है. राजस्थान में भी सड़क हादसों में सिर्फ 40 प्रतिशत जयपुर, जोधपुर, अलवर, अजमेर और उदयपुर में होते हैं. सड़क राज्य परिवहन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2017 से 2021 के बीच देशभर में 17 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई इनमें 85 हजार राजस्थान में हुई.

राज्य सरकार ने सड़क हादसों को कंट्रोल करने के लिये अधिसूचना जारी की
सड़क हादसों पर कंट्रोल करने व घायलों को त्वरित सहायता को ट्रैफिक एड पोस्ट गठित करने के लिए राज्य सरकार ने 3 सितम्बर 2021 को अधिसूचना भी जारी कर दी. ट्रैफिक एड स्थापित करने से पहले महाराष्ट्र हाइवे पुलिस के इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी अध्ययन किया गया. इसके बाद महाराष्ट्र हाईवे पुलिस के पैटर्न पर प्रत्येक दो Traffic Aid Post के बीच अधिकतम 50 किमी की दूरी निर्धारित की गई.
अधिसचूना जारी होने के बाद ट्रैफिक एड पोस्ट पर स्टाफ की गणना और प्रस्ताव भेजने तथा इसमें कमीबेसी बताने के चक्कर में डेढ़ साल गुजर गया. हाल ही में पुलिस मुख्यालय ने विभिन्न जिलों से ट्रैफिक एड पोस्ट के लोकेशन के प्रस्ताव लिए तो राज्य में राजमार्गों 270 Traffic Aid Posts का निर्धारण किया गया है.

270 पोस्टों पर 4860 पदों की भर्ती
नवसृजित की जाने वाली 270 Trailie Aid Post में नेशलन हाईवे पर 184 तथा स्टेट हाईवे पर 84 ट्रैफिक एड पोस्ट की गणना की गई है. प्रत्येक Traffic Aid Post पर तीन पालियों में 1 उप निरीक्षक, 1 हैडकांस्टेबल, 3 कांस्टेबल और 1 ड्राईवर यातायात पुलिस बल का निर्धारण किया गया. इस हिसाब से 270 ट्रैफिक एड पोस्ट पर 810 उपनिरीक्षक, 810 हैडकांस्टैबल, 2430 कांस्टेबल और 810 ड्राइवर कांस्टेबलों की जरूरत है. इन सब पर 518 करोड़ रुपए सालाना खर्च होने की संभवना व्यक्त की गई है. इनके साथ ही ट्रैफिक एड पोस्ट पर निगरानी के लिए रेंज स्तर पर सुपरविजन टीम गठित करने का भी प्रस्ताव है इसमें प्रत्येक रेंज पर एक डीएसपी, दो रेंज पर एक एएसपी, चार रेंज पर एक एसपी सुपरवाइजरी अधिकारियों की जरूरत बताई गई है. फाइल एक बार फिर मंजूरी के लिए वित्त विभाग भेजी जा रही है.