नई दिल्ली. बीते रविवार को जैश-ए-मोहम्मद मौलाना मसूद अजहर के नजदीकी मौलाना रहीम उल्लाह तारिक की हत्या कर दी गई. बीते सात महीने के दौरान रहीम उल्लाह सातवां आतंकी जिसकी हत्या हुई और जो भारत के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल है. रहीम भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के लिए अपनी पहचान रखता था और अक्सर पाकिस्तान के दूर-दराज के इलाकों में घूमकर लोगों को भारत के खिलाफ प्रोत्साहित करता था.
भारत विरोधी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था
रविवार को भी वह कराची के एक पिछड़े इलाके में भारत विरोधी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था. अचानक दो अज्ञात बंदूकधारियों ने रहीम को गोलियों से छलनी कर दिया.रहीम की मौके पर ही मौत हो गई. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामले की नजदीक से जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि यह हत्या जैश ए मोहम्मद में आपसी रंजिश की वजह से हुई है.
भारत पर बिना सबूत आरोप
इस हत्या के बाद पाकिस्तानी मीडिया और सरकार ने बिना किसी सबूत के भारत पर दोष मढ़ना शुरू कर दिया है. दरअसल वास्तविकता यह है कि खुद पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकियों को लगातार पनाह दी जाती रही है जिससे कश्मीर घाटी को अशांत रखा जा सके. और भारत को निशाना बनाया जा सके.
सेना और आईएसआई हिल गए!
बीते सात महीने में सात मोस्ट वांटेड आतंकियों की हत्या से सबसे बड़ा झटका पाकिस्तानी सेना और आईएसआई को लगा है. क्योंकि ये दोनों ही भारत विरोधी आतंकियों की फंडिंग कर उन्हें हथियार और बेस मुहैया कराते थे.
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