Super Earth: वैज्ञनिकों को मिला पृथ्वी जैसा ग्रह, इसे क्यों कहा जा रहा सुपर अर्थ?

Super Earth News: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एक्सोप्लैनेट खोज लिया है, जिस पर पानी होने की उम्मीद है. इस ग्रह को सुपर अर्थ भी कहा जा रहा है. यहां पर नाइट्रोजन होने की संभावना भी मानी जा रही है. यह ग्रह पृथ्‍वी से 48 प्रकाश वर्ष दूर माना जा रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 10, 2024, 04:01 PM IST
  • 5 हजार से अधिक एक्सोप्लैनेट्स
  • इनमें से 17 पर हो सकता है पानी
Super Earth: वैज्ञनिकों को मिला पृथ्वी जैसा ग्रह, इसे क्यों कहा जा रहा सुपर अर्थ?

नई दिल्ली: Super Earth News: वैज्ञानिक लगातार इस बात की खोज में लगे हैं कि पृथ्वी के अलावा और कहां जीवन हो सकता है. अब कहीं जाकर उन्हें एक उम्मीद की किरण नजर आई है. वैज्ञानिकों ने ऐसे एक्सोप्लैनेट की खोज कर ली है, जहां पर पानी मिलने की उम्मीद है. इस एक्सोप्लैनेट का नाम एलएचएस 1140 बी (LHS 1140 B) है. यह एक्सोप्लैनेट पानी का महासागर भी हो सकता है. इसे सुपर अर्थ भी कहा जा रहा है. यह पृथ्‍वी से करीब 48 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है.

पृथ्वी जितना बड़ा ग्रह
एलएचएस 1140 बी को लेकर यूनिवर्सिटी डी मॉन्ट्रियल ने रिसर्च की थी. इसको शुरुआत में छोटा-नेपच्यून माना गया था. लेकिन जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप से वैज्ञानिकों ने अधिक जानकारी जुटाई. मिली जानकारी के अनुसार, वैज्ञानिकों का दावा है कि ये एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से भी बड़ा है. यही कारण है कि इसे सुपर अर्थ कहा जा था है. यहां पर पृथ्वी जितनी ही नाइट्रोजन भी हो सकती है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस एक्सोप्लैनेट पर चट्टानों की नीचे भरपूर मात्रा में पानी हो सकता है. इसके अलावा, ये भी अनुमान लगाया गया है कि इस ग्रह पर चट्टान या बर्फ हो सकती हैं.

क्या होते हैं एक्सोप्लैनेट?
एक्सोप्लैनेट वे ग्रह होते हैं जो तारों की परिक्रमा करते हैं. साल 1992 में एक्सोप्लैनेट के बारे में पहली पुष्टि हुई. उसके बाद से अब तक करीब 5 हजार से अधिक एक्सोप्लैनेट्स खीजे जा चुके हैं. इनमें से करीब 17 एक्सोप्लैनेट्स पर पानी हो सकता है.

पानी का टेंपरेचर 20 डिग्री सेल्सियस
वैज्ञानिकों का मनना है कि यदि यहां पानी मिल जाता है तो ये इंसानों के रहने लायक जगह हो सकती है. यहां के महासागर का टेंपरेचर भी करीब 20 डिग्री सेल्सियस हो सकता है. इसका मतलब ये है कि यहां पर पानी लिक्विड फॉर्म में मिल सकता है. ग्रह के द्रव्‍यमान (Mass) का 20% हिस्सा केवल पानी हो सकता है. यहां के महासागर 4,000 किमी तक बड़े हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Explainer: क्या है कॉग्निटिव टेस्ट, बाइडन पर इसे कराने का दबाव क्यों?

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़