मोना लिसा पर फेंका केक, पेंटिंग को नुकसान पहुंचाने की बर्बर कोशिश

मोना लिसा पेंटिंग को पहले भी कई बार नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है. कैनवास के निचले हिस्से को 1950 के दशक में एक एसिड हमले का सामना करना पड़ा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 31, 2022, 10:54 AM IST
  • लियोनार्डो दा विंची की उत्कृष्ट कृति है मोना लिसा
  • 2.5 फीट से अधिक लंबी और 2 फीट चौड़ी है
मोना लिसा पर फेंका केक, पेंटिंग को नुकसान पहुंचाने की बर्बर कोशिश

लंदन: ऐतिहासिक मोना लिसा पेंटिंग को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है. रविवार को बर्बरता के साथ पेंटिंग पर केक का एक टुकड़ा फेंककर उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. पेरिस में विश्व प्रसिद्ध लौवर संग्रहालय के विजिटर ने यह शर्मनाक हरकत की है. हालांकि पेंटिंग के सुरक्षात्मक कांच के चलते पेंटिंग को नुकसान होने से बच गया. 

आरोपी गिरफ्तार
पेरिस अभियोजक के कार्यालय के अनुसार, 36 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया और पुलिस मुख्यालय में एक मनोरोग अस्पताल में ले जाया गया.  अभियोजक द्वारा "एक सांस्कृतिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के प्रयास" के लिए एक जांच शुरू की गई है और लौवर ने शिकायत दर्ज कराई है.

लौवर संग्रहालय ने जारी किया गया बयान
लौवर के एक बयान के अनुसार, सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो साझा किया गया है. विग पहने हुए व्यक्ति, कलाकृति पर केक का एक टुकड़ा फेंकने से पहले व्हीलचेयर से पेंटिंग के पास पहुंचता है उसके बाद के वीडियो में उसे पास में व्हीलचेयर के साथ पैदल चलते हुए दिखाया गया है. पेंटिंग के पास खड़े होते ही, इस व्यक्ति ने मोना लिसा के कांच पर सामान में छुपाई गई पेस्ट्री फेंक दी. हालांकि वह क्षतिग्रस्त नहीं हुई. 

इस घटना के वीडियो में आरोपी को फ्रेंच में यह कहते हुए सुना जाता है, "पृथ्वी के बारे में सोचो, इसे नष्ट करने वाले लोग हैं. दएक अन्य वीडियो एक स्टाफ सदस्य को कांच की सफाई करते हुए दिखाता गया है.

लियोनार्डो दा विंची की उत्कृष्ट कृति
लियोनार्डो दा विंची की उत्कृष्ट कृति मोना लिसा यकीनन दुनिया में सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग है. हर साल लाखों आगंतुकों को आकर्षित करती है.  छोटी कलाकृति के साथ पोज देने के लिए लाइन में लगती हैं, जो सिर्फ 2.5 फीट से अधिक लंबी और 2 फीट चौड़ी है. 

चोरी और हमले का शिकार
मोना लिसा को 1911 में लौवर के एक कर्मचारी द्वारा चुराया गया था. कैनवास के निचले हिस्से को 1950 के दशक में एक एसिड हमले का सामना करना पड़ा. इसके बाद संग्रहालय को बुलेटप्रूफ ग्लास सहित काम के आसपास सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया. 2009 में, एक महिला ने गुस्से में पेंटिंग पर एक सिरेमिक कप फेंक दिया, जिससे कप टूट गया लेकिन पेंटिंग को कोई नुकसान नहीं हुआ. 

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