कोपनहेगन: विदेश मंत्री एस जयशंकर ( S Jaishankar) ने रविवार को डेनमार्क (Denmark) की प्रधानमंत्री मेते फ्रेडेरिक्सेन (Mette Frederiksen) से मुलाकात की. उन्होंने हिंद-प्रशांत, अफगानिस्तान और यूरोपीय संघ की वैश्विक भूमिका से संबंधित मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की.
PM Modi का संदेश प्रेषित किया
द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और यूरोपीय संघ (EU) के साथ भारत के सहयोग को और मजबूत करने के लिए तीन यूरोपीय देशों- स्लोवेनिया, क्रोएशिया और डेनमार्क के अपने दौरे के अंतिम चरण में जयशंकर डेनमार्क पहुंचे. उन्होंने फ्रेडेरिक्सेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की ओर से शुभेच्छाएं भी प्रेषित कीं. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'आज मेरा स्वागत करने के लिए डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेते फ्रेडेरिक्सेन का आभार. हमारी हरित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में उनका नेतृत्व प्रशंसनीय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें अभिवादन और शुभेच्छाएं प्रेषित कीं.' विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री फ्रेडेरिक्सेन के साथ बातचीत में हिंद-प्रशांत, अफगानिस्तान और ईयू की वैश्विक भूमिका पर चर्चा की.
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जयशंकर की यह पहली डेनमार्क यात्रा
विदेश मंत्रालय की ओर से नई दिल्ली में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि यह जयशंकर की डेनमार्क की पहली यात्रा है और बीते 20 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की भी इस देश की पहली यात्रा है. जयशंकर ने यहां भारतीय समुदाय के सदस्यों से ऑनलाइन बातचीत की और भारत की सकारात्मक छवि बनाने के लिए उनका आभार जताया.
Thank PM Mette Frederiksen of Denmark for receiving me today.
Appreciate her leadership in taking forward our Green Strategic Partnership.
Conveyed greetings and good wishes of PM @narendramodi .
Valued her insights and assessments on the key issues of our day. pic.twitter.com/N30GoPO6cw
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 5, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, 'डेनमार्क में डिजिटल तरीके से ही सही, भारतीय समुदाय से मिलकर प्रसन्नता हुई. उन्होंने भारत की जो छवि बनाई है, उसकी सराहना करता हूं. विश्वास है कि वे हमारे देशों के बीच प्रभावी सेतु बने रहेंगे. हमारे गहन होते संबंध भी उनके योगदान को झलकाते हैं.'
भारत के साथ हरित साझेदारी करने वाला इकलौता देश
जयशंकर ने शनिवार को डेनमार्क के अपने समकक्ष जेप्पे कोफोड के साथ भारत-डेनमार्क संयुक्त आयोग बैठक (JCM) के चौथे दौर की सह-अध्यक्षता की. जेसीएम बैठक के बाद जारी वक्तव्य में विदेश मंत्री ने कहा कि डेनमार्क और भारत के संबंधों में अनूठी बात यह है कि डेनमार्क ही इकलौता ऐसा देश है, जिसकी भारत के साथ हरित रणनीतिक साझेदारी है. जयशंकर ने कहा, 'हर कोई कहता है बेहतर पुनर्निर्माण हो, लेकिन हम चाहते हैं कि पुनर्निर्माण हरित भी हो और हरित पुनर्निर्माण के लिए हमारा यह मानना है कि डेनमार्क बहुत, बहुत ही खास साझेदार है, क्योंकि आपके पास क्षमता है, अनुभव है और सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीके हैं, जो भारत जैसे देश के लिए विकास के इस चरण में अत्यंत सहायक हैं.' विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने संयुक्त आयोग में विचार-विमर्श किया, जिसने अगले पांच वर्षों के लिए संयुक्त कार्य योजना तैयार की है.
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