नई दिल्ली: ऑनलाइन कैब सेवा प्रदान करने वाली कंपनी उबर ने अपने डेटा नेटवर्क में सेंधमारी की घटना की जानकारी कानूनी एजेंसियों को देने के साथ ही कहा है कि वह साइबर सुरक्षा के इस मसले से निपटने में लगी है. उबर ने अपने एक ईमेल में कहा कि वह साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक घटना से उपजे हालात से निपटने की प्रक्रिया में है.
हैकर ने उबर के डेटा नेटवर्क में लगाई सेंध
इसके साथ ही उसने कहा कि वह लगातार पुलिस एवं अन्य एजेंसियों के संपर्क में है और किसी भी प्रगति की जानकारी से अवगत कराती रहेगी. दरअसल, एक हैकर ने उबर के डेटा नेटवर्क की सुरक्षा को भेदते हुए बड़े पैमाने पर पहुंच हासिल कर ली.
‘द टाइम्स’ के मुताबिक, हैकर एक 18 साल का लड़का था और उसने उबर के कमजोर डेटा सुरक्षा नेटवर्क का फायदा उठाते हुए इसमें सेंध लगाने में सफलता हासिल की. वहीं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ का कहना है कि इस डेटा सेंधमारी की जिम्मेदारी लेने वाले शख्स ने सोशल इंजीनियरिंग को जरिया बनाते हुए डेटा नेटवर्क तक पहुंच बनाई.
सेंधमारी करने वाले शख्स ने किया ये दावा
हैकर का दावा है कि उसने उबर के एक कर्मचारी को तकनीकी कर्मचारी बनकर एक लिखित संदेश भेजा और उसे पासवर्ड देने के लिए मना लिया. इस बारे में एक सुरक्षा इंजीनियर ने कहा कि सेंधमारी करने वाले शख्स ने उबर की महत्वपूर्ण प्रणालियों तक पहुंच बनाने के सबूत भी साझा किए हैं.
युग लैब्स के इंजीनियर सैम करी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि हैकर ने एक बड़े डेटा तक पहुंच बना ली है.' करी ने कहा कि सेंधमारी की जद में अमेजन और गूगल के क्लाउड नेटवर्क पर मौजूद उबर के डेटा स्टोर भी आए हैं. हालांकि, इस तरह का कोई संकेत नहीं मिला है कि इस हैकिंग से उबर के वाहनों के बेड़े या उनके परिचालन पर कोई असर पड़ा है.
टेलीग्राम पर हैकर से संपर्क करने की कोशिश
करी का यह भी मानना है कि हैकर ने यह पूरी कवायद प्रचार पाने की नीयत से की है क्योंकि उसने डेटा को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है. हैकर ने सुरक्षा इंजीनियरों के साथ एक टेलीग्राम अकाउंट भी साझा किया है. हालांकि, ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ ने जब इस टेलीग्राम अकाउंट पर हैकर से संपर्क करने की कोशिश की तो उसकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देखने को मिली.
वैसे उबर के डेटा नेटवर्क में एक बार पहले भी सेंध लग चुकी है. वर्ष 2016 में हुई उस हैकिंग के दौरान उबर के करीब 5.7 करोड़ उपभोक्ताओं एवं ड्राइवरों से संबंधित निजी जानकारियां खतरे में पड़ी थीं.
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