Nuclear war: दुनिया पर मंडरा रहा है परमाणु हमले का खतरा

पेंटागन को खुफिया जानकारी मिली है कि खाड़ी देशों में अमेरिका के सैन्य अड्डों पर आतंकी हमला हो सकता है. उसके दूतावासों को भी निशाना बनाया जा सकता है.

Written by - Rajendra Kumar | Last Updated : Dec 15, 2020, 08:09 AM IST
  • खाड़ी देशों में परमाणु युद्ध का ख़तरा
  • अमेरिका ने बी-52 परमाणु बॉम्बर्स तैनात किए
  • मिडिल ईस्ट में बी-52 परमाणु बॉम्बर्स की एक स्क्वाड्रन तैनात
Nuclear war: दुनिया पर मंडरा रहा है परमाणु हमले का खतरा

नई दिल्ली: दुनिया एक बार फिर उस मोड़ पर खड़ी है जहां परमाणु हमला (Nuclear attack) हो सकता है. अमेरिका (America) ने खाड़ी देशों में अपने सबसे घातक परमाणु बॉम्बर्स B-52 को तैनात कर दिया है. चौंकाने वाली बात ये है कि ये तैनाती इमरजेंसी हालात में की गई है. अमेरिका से बी-52 परमाणु बॉम्बर्स की एक पूरी स्क्वाड्रन को मिडिल ईस्ट में तैनात कर दिया गया है.

मिशन पर B-52 परमाणु बॉम्बर्स

दरअसल पेंटागन को खुफिया जानकारी मिली है कि खाड़ी देशों में अमेरिका के सैन्य अड्डों पर आतंकी हमला (terror attack) हो सकता है. उसके दूतावासों को भी निशाना बनाया जा सकता है. अमेरिका को खुफिया जानकारी मिली है कि ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप अमेरिका के सैन्य बेसों में हमला करने की फिराक में हैं. इससे निपटने के लिए अमेरिका ने भी बेहद आक्रामक रवैया अपनाया है और ईरान की सीमाओं के पास बी-52 बॉम्बर्स की तैनाती की है.

ईरान की तबाही का 'टाइम' आ गया

अमेरिका ने जिस बी-52 बॉम्बर्स को तैनात किया है वे परमाणु क्रूज मिसाइल से भी हमला कर सकते हैं. बी-52 बॉम्बर्स में लगी एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल 2,500 किमी. दूर परमाणु बम गिराने में सक्षम हैं. ये मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भी चकमा देने में सक्षम है. 

खाड़ी में परमाणु बॉम्बर्स की तैनाती का साफ संदेश है कि अब ईरान की खैर नहीं है. उसकी तबाही अमेरिका तय कर चुका है जल्द ही ईरान पर भीषण हमला होगा. अमेरिका के बी-52 बॉम्बर्स पहले भी अफगानिस्तान के तालिबानी ठिकानों पर कहर बरपा चुके हैं. इनकी मारक क्षमता बेजोड़ है...ये परमाणु और परंपरागत दोनों ही तरह के हथियार और मिसाइल से लैस हैं. 

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आईए जानते हैं क्या है इनकी खासियत?

B-52 परमाणु बॉम्बर्स एक बार में 32 हजार किलो हथियार ले जा सकते हैं. इसकी मारक क्षमता करीब 14080 किलोमीटर है. इसमें 6 इंजन लगे होते हैं ...ये सबसोनिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम हैं. ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करना अमेरिका की पहली प्राथमिकता है क्योंकि अगर ईरान ने परमाणु ताकत हासिल कर ली तो खाड़ी देशों में शक्ति संतुलन बिगड़ जाएगा और अमेरिका अपने व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसा कभी नहीं होने देगा.

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