नई दिल्लीः अफ्रीकी देश नाइजर में सेना ने बीती 26 जुलाई की रात को एक बार फिर तख्तापलट कर दिया और राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को सत्ता से हटाने का दावा किया है. वहीं, सैनिकों की घोषणा के कुछ घंटों के बाद ही राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे गार्ड ने मोहम्मद बजौम को उनके आधिकारिक आवास से हिरासत में ले लिया.
'सुरक्षा व्यवस्था में हो रही गिरावट का परिणाम'
इस पूरी घटना के बाद एक बयान में कर्नल-मेजर अमादौ अब्द्रमाने ने कहा, 'देश की रक्षा और सुरक्षा बलों ने देश से उस शासन व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया है, जिससे आप सभी परिचित हैं. यह सुरक्षा व्यवस्था में लगातार हो रही गिरावट का परिणाम है.'
सेना ने विदेशी हस्तक्षेप की दी चेतावनी
तख्तापलट के बाद देश के सैनिकों ने अपने बयान में कहा कि देश की चारों और की सीमाएं बंद कर दी गई हैं. साथ ही पूरे देश में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है. साथ ही देश के सभी संस्थानों को भी बैन कर दिया गया है. जब कर्नल-मेजर अब्द्रमाने अपना बयान पढ़ रहे थे, तब उनके बगल में 9 अन्य अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान सेना ने किसी भी तरह के विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ भी सख्त चेतावनी दी है.
नाइजर में चार बार हो चुका है तख्तापलट
बता दें कि 1960 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद नाइजर में अभी तक कुल चार बार तख्तापलट हो चुका है. वहीं, कई बार इसकी कोशिश भी की गई है. राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को साल 2021 में लोकतांत्रिक रूप से नाइजर का राष्ट्रपति चुना गया था.
भारत से है बेहतरीन संबंध
गौरतलब है कि भारत और नाइजर के बीच काफी बेहतर संबंध हैं. जनवरी 2020 में नाइजर में महात्मा गांधी कन्वेंशन सेंटर भी खोला गया था. साल 2020 में विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में पहला महात्मा गांधी कन्वेंशन सेंटर खोला गया था.
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