नई दिल्ली: पाकिस्तान की राष्ट्रीय नीति का अंग आतंकवाद है. इस बात का सबूत बार बार मिलता है. लेकिन इस बार पाकिस्तान के एक फौजी ने ऐसा खुलासा किया है. जिसे ना तो वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान झुठला सकते हैं और ना ही सेना प्रमुख बाजवा.
ब्रेनवाश करके बनाया जेहादी
पाकिस्तान के इस फौजी का कहना है कि 15 साल की उम्र में कुछ लोगों ने उसका ब्रेनवाश करके उसे जिहाद के दलदल में ढकेल दिया था. उसके दिमाग में जिहाद के बारे में ऐसी ऐसी बातें मुल्लों ने भर दी थीं, वो अपना घर बार, पढ़ाई लिखाई सब छोड़कर आतंकी बनने जैश के ट्रेनिंग कैंप में चला गया था.
करीब सालभर आतंकी कैंप में ट्रेनिंग लेने वाले इस फौजी ने जो कुछ वहां के बारे में बताया वो इमरान खान की सरकार और वहां की फौज़ के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है.
इस शख्स ने खुलासा किया है कि बालाकोट के आतंकी कैंप दरअसल पाकिस्तान की फौज और वहां की खुफिया एजेंसी ISI चलाती है. उसने ये भी बताया है कि वहां कैंप में पाकिस्तानी फौज के अफसर आते और आतंकियों की ट्रेनिंग उन्हीं की देखरेख में कराई जाती थी .
पाकिस्तान की सेना चलाती है आतंकी कैंप
दुनियाभर को पाकिस्तान ये बताने में लगा है कि वो तो आतंक का खुद शिकार है और आतंक से उनका देश लहूलुहान है. लेकिन बाजवा की आर्मी में शामिल एक फौजी ने जो सच कबूल किया है उससे बाजवा के चेहरे से नकाब उतर गया है. अब दुनिया के सामने पुख्ता सबूत है इस फौजी का बयान जो कह रहा है कि बालाकोट में आतंकी कैंप पाकिस्तान के फौज की देखरेख में चलते हैं.
Pakistani Army soldier exposed the true face of #Pakistan Army before committing #suicide.
Before committing suicide, He mentions to the involvement of Pakistani army in global terrorism. He also told about the #terrorists camp in Balkot#airstrike #IndianArmy pic.twitter.com/hOD2c3THI3— Bharat ojha Bharatojha03) November 19, 2020
उसने यहां तक बताया कि आर्मी और आईएसआई ही तय करते हैं कि कौन आतंकी किस देश में जाकर खूनखराबा करेंगे. आर्मी और ISI मिलकर इन आतंकियों को हथियार और पैसे के अलावा बाकी साजोसामान देते हैं. दरअसल आतंकी भले ही कश्मीर में आकर खूनखराबा करते हों लेकिन उन्हें दिशा निर्देश पाकिस्तान की आर्मी से मिलता है.
आतंकी कैंप से फौज तक का सफर
करीब सालभर आतंकी कैंप में ट्रेनिंग करने के दौरान ये शख्स कट्टर विचारों में इस कदर उलझ गया था कि उसे जिहाद से बड़ा कुछ नहीं लगता था लेकिन एक दिन अचानक जिंदगी में वो मोड़ आया और उसने आतंक का रास्ता छोड़ दिया. दरअसल उसके अब्बू किसी तरह बालाकोट के आतंकी कैंप पहुंचे और उसकी मां की गंभीर बीमारी का हवाला देकर उसे घर ले आए. उसे समझाया बुझाया और फिर स्कूल में दाखिला करा दिया.
पढ़ाई लिखाई के बाद ये शख्स पाकिस्तान की फौज में भर्ती हो गया . फौज में जाने के बाद उसने किश्तों में लैपटॉप खरीदा और सोशल मीडिया से जुड़ गया. जहां उसे कई विद्वानों के विचारों को पढ़ने का मौका मिला. यहीं से उसने समझा कि जिहाद के नाम पर कैसे पाकिस्तान की नौजवान पीढ़ी को बर्बाद किया जा रहा है.
लेकिन पाकिस्तान की फौज का आतंकी सच दुनिया के सामने लाने वाले इस फौजी को इस कदर परेशान किया गया कि उसने जिंदगी से ही तौबा कर ली। यकीन मानिये ये एक फौजी का कबूलनामा नहीं मौत से पहले इकबालिया बयान है . जिसे चाहकर भी इमरान खान और कमर जावेद बाजवा झुठला नहीं सकते. हालांकि ज़ी मीडिया इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.
लेकिन यह जिहाद और पाकिस्तानी फौज की साजिश के जाल में तड़पते एक ऐसे इंसान की दास्तान है. जिसे सुनकर आप सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि इंसानियत के खिलाफ पाकिस्तानी फौज की यह दरिंदगी कब तक जारी रहेगी.
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