अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाया ब्याज, भारत पर पड़ेगा ये बुरा असर

बता दें कि, अमेरिका में ब्याज दरें 1994 के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गई हैं. इससे पिछले महीने भी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा किया गया था. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछली बार जून में और इस बार जुलाई में लगातार दो बार 07.75 फीसदी तक ब्याज बढ़ाया था.  

Written by - Amit Singh | Last Updated : Jul 29, 2022, 12:16 PM IST
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  • भारत पर पड़ेगा फैसले का ये बुरा असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाया ब्याज, भारत पर पड़ेगा ये बुरा असर

नई दिल्ली. अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व नें एक बार फिर से ब्याज दरों को बढ़ाने का ऐलान किया है. फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याद दरों में की जाने वाली इस बढ़ोतरी का असर भारत में भी देखने को मिल सकता है. बता दें कि, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज में इजाफे के फैसले के बाद ऐसी उम्मीदें हैं कि, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भी ब्याज दरों को बढ़ाया जा सकता है. 

क्यों बढ़ाया ब्याज

अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा लगातार दूसरे महीने ब्याज दरों को बढ़ाया गया है. माना जा रहा है कि, इस फैसले का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल सकता है. बता दें कि, अमेरिका में फिलहाल महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर बनी हुई है. जिस वजह से फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में इजाफे का फैसले लिया है. तेजी से बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए पेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में एक मुश्त तीन चौथाई का इजाफा किया है. 

1994 के बाद सबसे ज्यादा ब्याज दर

बता दें कि, अमेरिका में ब्याज दरें 1994 के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गई हैं. इससे पिछले महीने भी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा किया गया था. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछली बार जून में और इस बार जुलाई में लगातार दो बार 07.75 फीसदी तक ब्याज बढ़ाया था. इसके अलावा इस साल की बात करें तो केंद्रीय अमेरिकी बैंक की तरफ से चौथी बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया है.

भारत पर होगा ये असर

बता दें कि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज में बढ़ोतरी के इस फैसले का भारत पर भी बुरा असर देखने को मिल सकता है. दरअसल अगले महीने 5 अगस्त को आरबीआई द्वारा मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक आयोजित होने जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि, फेडरल रिजर्व की तरह ही आरबीआई द्वारा भी ब्याज दरों में इजाफे का फैसला किया जा सकता है. 

बता दें कि, आरबीआई द्वारा भी लगातार दो बार ब्याज दरों को बढ़ाया जा चुका है. जून में हुई बैठक में बी आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाया था. अगर इस बार भी आरबीआई द्वारा रेपो रेट को बढ़ाया जाता है तो बैंक द्वारा मिलने वाले तमाम तरह के लोन और ज्यादा महंगे हो जाएंगे. जिससे आम आदमी की जेब पर ईएमआई का बोझ और बढ़ जाएगा. 

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