लोगों की जान का दुश्मन बना कोहरा, UP में एक साल में गई इतने लोगों की जान

सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से साल 2022 में कोहरे की वजह से हुए सड़क हादसों में लोगों के कुल मौतों की संख्या जारी की गई है. मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में सड़क हादसे में हुए मौतों की संख्या में पिछले साल यानी 2021 के मुकाबले 9 फीसदी की वृद्धि हुई है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Dec 30, 2023, 12:28 PM IST
  • उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक लोगों ने गंवाई जान
  • शहरों में चेन्नई बना हादसे का हॉटस्पॉट
लोगों की जान का दुश्मन बना कोहरा, UP में एक साल में गई इतने लोगों की जान

नई दिल्लीः देश के कई इलाकों में कड़ाके की सर्दी ने दस्तक दे दी है. उत्तर भारत के कई इलाके और सड़के कोहरे की सफेद चादर में ढक चुकी हैं. इसी बीच सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से साल 2022 में कोहरे की वजह से हुए सड़क हादसों में लोगों के कुल मौतों की संख्या जारी की गई है. मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में सड़क हादसे में हुए मौतों की संख्या में पिछले साल यानी 2021 के मुकाबले 9 फीसदी की वृद्धि हुई है. 

साल 2022 में 14,583 लोगों ने गंवाई जान
सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में कोहरे की वजह से सड़क हादसे में 14,583 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. वहीं, साल 2021 में यह आंकड़ा 13,372 था. हालांकि, संतोषजनक बात यह है कि यह आंकड़ा साल 2018 और 2019 की तुलना में बहुत कम है. 2018 में 28,026 लोगों ने, तो 2019 में 33,602 लोगों ने कोहरे की वजह से सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवाई थीं. 

उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक लोगों ने गंवाई जान
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कोहरे की वजह से सड़क हादसे में जान गवाने वाले की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है. वहीं, बिहार दूसरे नंबर पर, मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर और तमिलनाडु चौथे नंबर पर है. अकेले उत्तर प्रदेश में 3,920 लोगों ने, बिहार में 1,842 लोगों ने, मध्य प्रदेश में 1,177 लोगों ने तो तमिलनाडु में 1,032 लोगों ने सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवाई हैं. 

शहरों में चेन्नई बना हादसे का हॉटस्पॉट 
बात अगर देश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटना वाले शहर की करें, तो इसमें चेन्नई पहले नंबर पर आता है. यहां कोहरे की वजह से सड़क हादसे में सबसे ज्यादा 135 लोगों की मौत हुई. वहीं, दिल्ली में 132, अमृतसर में 120 तो आगरा में 102 लोगों ने अपनी जान गवाईं. 

विजिबिलिटी हो जाती है बहुत कम
दरअसल, कोहरे के दौरान सड़क पर विजिबिलिटी बहुत कम होती है. यानी सामने की चीजें बहुत कम दिखाई देती हैं. लिहाजा इस तरह के सड़क हादसों के मामले कोहरे के दौरान बढ़ जाते हैं. ऐसे में अगर आप इस तरह के हादसों से खुद को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो सड़कों पर सुरक्षित चलना और यातायात के नियमों का सही तरीके से पालन करना आपके लिए सही परामर्श हो सकता है. 

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