अब लोन और EMI भरना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, जानें कब मिलेगी महंगाई से राहत

RBI Monetary Policy Review: जैसा कि पहले उम्मीद थी, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो रेट को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.90 कर दिया. एमपीसी के प्रमुख आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई दर को कम करने के लिए ये कदम उठाया है. रेपो रेट बढ़ने से अब ईएमआई और लोन पर दिये जाने वाले ब्याज के भी बढ़ने की संभावना है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 30, 2022, 11:50 AM IST
  • आरबीआई ने बढ़ाया रेपो रेट
  • जल्द मिलेगी महंगाई से राहत
अब लोन और EMI भरना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, जानें कब मिलेगी महंगाई से राहत

RBI Monetary Policy Review: जैसा कि पहले उम्मीद थी, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो रेट को 50 बेसिस अंकों की बढ़ोतरी कर दी है. अब रेपो रेट को 5.40 से बढ़ाकर 5.90 कर दिया गया है. एमपीसी के प्रमुख आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई दर को कम करने के लिए ये कदम उठाया है. रेपो रेट बढ़ने से अब ईएमआई और लोन पर दिये जाने वाले ब्याज के भी बढ़ने की संभावना है.

7 से कम रहेगी महंगाई दर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण वैश्विक भू-राजनीतिक हालात के बीच चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने महंगाई दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर महंगाई दर (Inflation) का असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है.

आर्थिक गतिविधि सही ढंग से चल रही है और निवेश बढ़ रहा है. बैंक क्रेडिट भी बढ़ा है. विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता उपयोग में वृद्धि हुई है जबकि निर्यात कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है.उनके अनुसार बुवाई का रकबा कम होने से गेहूं, चावल और दालों पर कीमतों का दबाव हो सकता है. सब्जियों के दाम भी बढ़ सकते हैं. महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है. दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहली छमाही में साल-दर-साल 13.5 प्रतिशत बढ़ा. वास्तविक जीडीपी सात फीसदी रहने का अनुमान है.

जल्द मिलेगी महंगाई से राहत

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये महंगाई दर अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत रहने का अनुमान है. दास ने कहा कि तीसरी तिमाही के लिए महंगाई दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत और मार्च तिमाही के लिए 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि अगर तेल के दाम में मौजूदा नरमी आगे बनी रही, तो महंगाई से राहत मिलेगी. 

उल्लेखनीय है कि अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) पर आधारित मुद्रास्फीति सात प्रतिशत थी, जो आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर है. केंद्रीय बैंक को जिम्मेदारी दी गई है कि वह मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत के बीच रखे. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर पांच फीसदी रहने का अनुमान है.

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