देश में पहली बार हिंदी में होगी डॉक्टरी की पढ़ाई, जानें इससे जुड़ी सारी डिटेल्स

जल्द दी देश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू की जाएगी. इससे हिंदी बोलने और पढ़ने वाले विद्यार्थियों को काफी आसानी होगी. इसके बाद अब MBBS, MD और MS की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 13, 2022, 12:59 PM IST
  • देश में पहली बार हिंदी में होगी डॉक्टरी की पढ़ाई
  • मध्य प्रदेश बना देश का पहला राज्य
देश में पहली बार हिंदी में होगी डॉक्टरी की पढ़ाई, जानें इससे जुड़ी सारी डिटेल्स

नई दिल्ली: मेडिकल की पढ़ाई या MBBS\MD\MS कर रहे छात्रों के लिए एक बड़ी अपडेट है. अगर आप भी MBBS या MD\MS कर रहे हैं या फिर इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए तैयारी और कोचिंग करने की प्लानिंग है तो आपको ये खबर जाननी चाहिए. दरअसल अब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू होने जा रही है. देश में ऐसा पहली बार होगा जब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी. 

हिंदी में पढ़ाई जाएगी डॉक्टरी

मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी. आज इसके लिए किताबों का विमोचन भी किया जाएगा. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में 16 अक्टूबर को होने वाले भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिंदी पुस्तकों का विमोचन करेंगे. 

क्या कहा MP सरकार ने

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 'हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई' प्रारंभ करने का सपना साकार होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश में पहली बार मध्यप्रदेश में हिंदी में भी मेडिकल की पढ़ाई का शुभारंभ होने से विगत छह माह में पुस्तकों के हिंदी रूपांतरण के लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग का परिश्रम फलीभूत होने जा रहा है. 

हिंदी में तैयार हो चुकीं हैं तीन किताबें

मंत्री सारंग ने बताया कि MBBS फर्स्ट ईयर की तीन पुस्तकें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो केमिस्ट्री हिन्दी में बन कर तैयार हैं. 16 अक्टूबर को लाल परेड ग्राउंड पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह द्वारा तीनों हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया जायेगा. मंत्री सारंग ने बताया कि मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू होने से पूरे प्रदेश में उत्साह का माहौल है. वहीं अन्य हिंदी भाषी राज्यों में भी मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग की इस पहल को सराहा जा रहा है. 

अंग्रेजी भाषा की वजह से आती थी दिक्कत

इस अकल्पनीय कार्य की सफलता के लिये देश के अन्य हिंदी भाषी राज्यों से भी उन्हें लगातार कॉल आ रहे हैं. हिंदी माध्यम से शिक्षित छात्र कड़ी मेहनत कर नीट की परीक्षा में तो उत्तीर्ण हो जाते हैं. MBBS में अंग्रेजी भाषा होने से उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. 

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