10 रोचक बातों के जरिए जानें क्यों और कैसे मनाई जाती है बकरीद

Eid al-Adha 2023: भारत में 29 जून को बकरीद मनाई जाएगी. यह इस्लामिक धर्म का दूसरा सबसे पवित्र त्योहार है. दुनियाभर के कई मुसलमान अपने परिवारों और दोस्तों के साथ बड़ी खुशी से इस त्यौहार को मनाते हैं. चलिए जानते हैं इस पर्व से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 28, 2023, 05:44 PM IST
  • भारत में 29 जून को मनाई जाएगी बकरीद
  • ईद पर बकरे की कुर्बानी देते हैं मुसलमान
10 रोचक बातों के जरिए जानें क्यों और कैसे मनाई जाती है बकरीद

नई दिल्ली: बकरीद इस्लाम धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है.  इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार हज़रत इब्राहीम साहब अपने बेटे हज़रत इस्माईल साहब को अल्लाह के आदेश पर अल्लाह की राह में कुर्बान करने जा रहे थे तब अल्लाह ने उनके बेटे को जीवन दान दे‌ दिया. इसी कारण यह पवित्र पर्व मनाया जाता है.इस साल भारत में यह पर्व 29 जून को मनाया जाएगा . आइये जानते हैं ईद के जुड़े रोचक तथ्य.

1. इस्लाम धर्म के अनुसार अल्लाह ने हजरत इब्राहिम साहब के सपने में आकर उनकी सबसे प्यारी चीज की मांग की थी. हजरत इब्राहिम साहब अपने पुत्र को दिलो-जान से ज़्यादा प्रेम करते थे, इसलिए उन्होंने अपने बेटे को अल्लाह को सौंपने का फैसला किया था.
 
2. अल्लाह के आदेशानुसार जैसे ही  वे अपने बेटे की कुर्बानी देने लगे तो अल्लाह ने उनके पुत्र की जगह एक बकरे की कुर्बानी करवा दी .कहा जाता है कि तभी से बकरीद पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है.

3. वैसे यह जरूरी नहीं इस दिन पर बकरे की कुर्बानी देनी ही पड़ेगी . अल्लाह के नेक बंदे के तौर पर आप अपना समय या धन भी कुर्बानी के रूप में कुर्बान कर सकते हैं.

4. बकरीद मे किसी भी शारीरिक बीमारी से ग्रस्त बकरे की कुर्बानी नही दी जा सकती है . छोटे पशुओं की भी बलि नहीं दे सकते है.

5. कुरान के अनुसार अल्लाह के पास हड्डियां, मांस और खून नहीं पहुंचता है परन्तु वह देने का जज्बा देखता है जिसे उर्दू में खुशु भी कह सकते है. 

6. इस दिन नमाज के बाद ही कुर्बानी दी जाती है, इससे पहले कुर्बानी नहीं देनी चाहिए. कुर्बान करने के बाद मांस को तीन हिस्से में बांटे. एक हिस्सा अपने घर में इस्तेमाल करें दूसरा हिस्सा गरीबों को दान करें और आखिरी तीसरा बचा हुआ हिस्सा रिश्तेदारों के लिए निकालें.

7. कुर्बानी का एक बहुत बड़ा नियम है कि जिन लोगों के पास 613 से 614 ग्राम चांदी हो या इस चांदी की कीमत के बराबर किसी भी रूप में धन हो जैसे घर, गाड़ी या ज़ेवर के रूप में हो तो उसे कुर्बानी जरूर देनी चाहिए.

8. एक बात ध्यान जरूर दें यदि आप कुर्बानी देने वाले हैं तो आपके ऊपर किसी भी प्रकार का कर्ज नहीं होना चाहिए .
 
9.  कुरान के नियमो के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपनी कमाई का ढ़ाई प्रतिशत दान दे‌ देता है तो उसको कुर्बानी देने की जरूरत नहीं है.

10. बकरे की कीमत से कोई फर्क नहीं पड़ता है. आप यदि अल्लाह के आदेश अनुसार नेक काम करते हैं तो आपका जज्बा मायने रखता है. अल्लाह अपने बंदों पर हमेशा रहम फ़रमाता है.

Disclaimer: आप सभी को बकरीद की हार्दिक शुभकामनाएं. यह जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों से एकत्रित की गई है. यदि लेख में किसी भी तरह की ग़लती हो तो उसके लिए हम आपसे क्षमा चाहते हैं. 

 

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