इन जानवरों के हमले में अगर हुई किसी की मौत, तो 4 लाख रुपये मुआवजा देगी योगी सरकार

सांड, नीलगाय के हमले में जान गंवाने वालों को उप्र सरकार मुआवजा देगी. यूपी सरकार के राजस्व विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के जरिये राज्‍य आपदा की सूची में बदलाव किया गया है और यह नयी प्रविष्टि की गयी है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 16, 2022, 01:39 PM IST
  • कुल 1.38 लाख आवारा मवेशियों को रखा गया है
  • इस सप्ताह के अंत में जारी अधिसूचना में दी गई जानकारी
इन जानवरों के हमले में अगर हुई किसी की मौत, तो 4 लाख रुपये मुआवजा देगी योगी सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सांड और नीलगाय के हमले में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजन को अब चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. राज्य सरकार ने ऐसी घटनाओं को आपदा की घटनाओं की सूची में शामिल किया है. उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के जरिये राज्‍य आपदा की सूची में यह नयी प्रविष्टि की गयी है. इस सप्ताह के अंत में जारी अधिसूचना में सांड और नीलगाय के हमले के कारण हुई मौतों को राज्य आपदा घोषित किया गया है. 

पहले क्या था नियम
अब तक बेमौसमी अत्यधिक बारिश, आकाशीय बिजली गिरने, तूफान, लू, नौका दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर की सफाई के दौरान मौत, गैस के उत्सर्जन, बोरवेल में गिरने, मानव-पशु संघर्ष और कुएं में डूबने से हुई मौतों को इस सूची में शामिल किया गया था. नदी, झील, तालाब, नहर, खाई और झरने को पहले ही राज्य आपदा (राज्य आपदा) के रूप में वर्गीकृत किया जा चुका है. 

उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य आपदा घटना के केस में मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है. 

क्यों अहम है फैसला
सरकार का यह निर्णय महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में विपक्ष ने राज्य में भाजपा सरकार पर हमला करने के लिए आवारा मवेशियों की समस्याओं का उल्लेख किया था. चुनाव प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य में भाजपा सरकार पर निशाना साधने के लिए आवारा पशुओं की समस्या को उठाया था. 

क्या था अखिलेश यादव का दावा
अखिलेश द्वारा ट्विटर पर साझा किये गए समाचार पत्रों की क्लिपिंग में यह भी दावा किया गया था कि "उत्तर प्रदेश में 11 लाख से अधिक जानवर खुलेआम घूम रहे हैं और मार्च में एक बैल के हमले में दो (लोग) मारे गए थे". इसमें सड़क पर लड़ते हुए दो सांडों की तस्वीर भी थी. यादव ने बिना किसी पार्टी या व्यक्ति का नाम लिए ट्वीट किया था. चुनाव प्रचार के दौरान सपा प्रमुख यादव ने अपनी पार्टी की सरकार राज्य में बनने पर सांड की टक्कर में जान गंवाने वाले लोगों के लिए मुआवजे देने की भी घोषणा की थी. 

फिर पीएम ने किया ऐलान
आवारा पशुओं की समस्या पर ध्यान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि राज्य में नयी सरकार बनने के बाद इस समस्या का समाधान किया जाएगा. 

कितने आवारा मवेशी
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के 2019 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 11,84,494 आवारा मवेशी हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं. सड़कों पर आने-जाने वालों के लिए खतरा पैदा करने के अलावा ये घूमने वाले जानवर फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. 

नई योजना भी शुरू
विभाग ने एक योजना भी शुरू की है जिसके तहत कोई व्यक्ति आवारा मवेशियों को अपने घर या खेत में रख सकता है और उसे प्रतिदिन 30 रुपये प्रति पशु का भुगतान किया जाता है. पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत वर्तमान में कुल 1.38 लाख आवारा मवेशियों को रखा गया है. जुलाई में उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा था कि "अच्छी संख्या में आवारा मवेशी कम दूध देने वाली प्रजातियों के हैं जो गरीब परिवारों को दिए जा सकते हैं जो उनकी देखभाल कर सकते हैं और दूध प्राप्त कर सकते हैं." उन्‍होंने कहा था कि बड़े आश्रय गृह बनाने की योजना है और ताकि हर जिले में कम से कम दो हजार या अधिक मवेशी रखे जा सकें. 

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