Gold Sovereign Bond: सोमवार से फिर शुरू होगी बॉन्ड की बिक्री, सरकार ने किया इतनी छूट का ऐलान

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अगली किस्त की बिक्री सोमवार से शुरू होकर पांच दिनों तक चलेगी. इस किस्त के लिए सोने का निर्गम मूल्य 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 19, 2022, 04:30 PM IST
  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली बिक्री सोमवार से
  • फिजिकल गोल्ड का बेहतरीन विकल्प है ये बॉन्ड
Gold Sovereign Bond: सोमवार से फिर शुरू होगी बॉन्ड की बिक्री, सरकार ने किया इतनी छूट का ऐलान

नई दिल्ली: कोविड महामारी के प्रकोप वाले वर्षों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के प्रति सबसे अधिक आकर्षण देखने को मिला, और निवेशकों द्वारा सुरक्षित विकल्प की तलाश के चलते इस योजना में निवेश तेजी से बढ़ा. वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण भी गोल्ड बॉन्ड के प्रति झुकाव बढ़ा. इन दो वर्षों में इन बांड की जितनी बिक्री हुई, वह नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से हुई कुल बिक्री का 75 प्रतिशत है. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री सोमवार से

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अगली किस्त की बिक्री सोमवार से शुरू होकर पांच दिनों तक चलेगी. इस किस्त के लिए सोने का निर्गम मूल्य 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा. सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट की पेशकश की है और आवेदकों को इस छूट का लाभ लेने के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करना होगा. 

अब तक कुल 39 हजार करोड़ टन सोना जुटाया गया

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से अबतक कुल 38,693 करोड़ रुपये (90 टन सोना) जुटाए गए हैं. वित्त वर्ष 2021-22 और 2020-21 में कुल 29,040 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, जो कुल जुटाई गई राशि का लगभग 75 प्रतिशत है. आरबीआई ने 2021-22 के दौरान एसजीबी की 10 किस्तें जारी कर 12,991 करोड़ रुपये (27 टन) की कुल राशि जुटाई. केंद्रीय बैंक ने 2020-21 में एसजीबी की 12 किस्तें जारी कर 16,049 करोड़ रुपये (32.35 टन) की कुल राशि जुटाई. 

फिजिकल गोल्ड का बेहतरीन विकल्प है ये बॉन्ड

मुंबई स्थित निवेश सलाहकार फर्म कैरोस कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ऋषद मानेकिया ने कहा कि एसजीबी को भौतिक सोना रखने के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है और इसमें निवेश करके प्रतिफल भी मिलता है. इसके सरकार द्वारा समर्थित होने और सुरक्षा की दृष्टि से यह फायदेमंद विकल्प है. 

केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है. ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है. आरबीआई ने कहा, ‘‘एसजीबी की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद इसे समय पूर्व भुनाया जा सकता है. इस विकल्प का उपयोग उस तिथि पर किया जा सकता जिस पर ब्याज देय है.’’ 

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