नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत यूजीसी ने कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए मिनिमम क्राइटेरिया तय कर दिया है. इस बात की जानकारी खुद यूजीसी की ओर से दी गई है.
UGC ने तय की ये न्यूनतम योग्यता
यूजीसी की ओर से जारी की गई अपडेट के अनुसार, अब सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में NET या SET या SLET पास करना अनिवार्य होगा. इन परीक्षाओं में पास करने वाले परीक्षार्थियों को कॉलेजों में सीधे तौर पर प्रोफेसर पद पर नौकरी दी जाएगी.
1 जुलाई से लागू होंगे नियम
यूजीसी की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह नियम 1 जुलाई 2023 से ही देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और निजी विश्वविद्यालयों में लागू कर दिए जाएंगे.
पहले क्या थी सहायक प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया
UGC के अनुसार विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पूर्व में जारी नियमों के किसी भी उम्मीदवार को संबंधित विषय में न्यूनतम 55 फीसदी अंकों के साथ पीजी और यूजीसी नेट या यूजीसी-सीएसआईआर नेट या सेट या स्लेट परीक्षा पास करना होता था. इसके अलावा संबंधित विषय में पीएचडी करना भी जरूरी था.
UGC अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने दी जानकारी
वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर से जुड़े नए नियम को लागू करने के बाद यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने ट्वीट किया कि 1 जुलाई से कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी ऑप्शनल होगा. वहीं, NET या SET या SLET अब न्यूनतम अनिवार्य योग्यता होगी.
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