नई दिल्लीः क्रिकेट के सभी रूपों में सचिन तेंदुलकर ने सर्वाधिक रिकॉर्ड बनाए हैं. क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सबसे ज्यादा शतक लगाने से लेकर सबसे ज्यादा रन बनाने में भी सचिन तेंदुलकर सबसे आगे रहे हैं.
अपने इस विशाल रिकॉर्ड को हासिल करने में सचिन तेंदुलकर को भी कई बार उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा है. यहां तक की सचिन अपनी खराब प्रदर्शन के चलते 2007 के वनडे वर्ल्ड कप में संन्यास लेने पर आमादा थे, लेकिन तब वे वेस्टइंडीज के महान विव रिचर्ड्स के बहुत कहने पर ऐसा करने से रुक गए थे.
बता दें कि तब टीम इंडिया बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थी. इस दौरान सचिन तेंदुलकर तीन मैचों में 64 रन ही बना पाए थे.
'2007 में संन्यास लेने को तैयार थे सचिन तेंदुलकर'
अपनी उस परिस्थिति को याद करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा, '2007 में मैं अपनी खराब प्रदर्शन से परेशान होकर संन्यास लेने पर विचार कर रहा था, कि तब तक विव रिचर्ड्स ने मुझे फोन किया और मुझे ऐसा करने से रोका था. उस वक्त उन्होंने मेरे उपर अपना बहुत विश्वास जताया था.'
'मेरे आदर्शों में एक हैं सर विव'
विव रिचर्ड्स के बारे में बोलते हुए सचिन ने अपनी विव से मुलाकात के पलों को भी याद किया और कहा, 'सर विव मेरे आदर्शों में एक हैं. दूसरे नंबर पर सुनील गावस्कर हैं. मुझे उनकी शैली काफी पसंद है. जिस तरह से वे चलते थे या फिर बल्लेबाजी की, उस बॉडी लैंग्वेज ने मुझे बहुत आकर्षित किया.'
'मेलबर्न में पहली बार रिचर्ड्स से मिले थे सचिन तेंदुलकर'
सचिन तेंदुलकर ने आगे कहा, 'मैं 1992 में संजय मांजरेकर के साथ मेलबर्न में था. उस वक्त मैने देखा कि कोई सज्जन होटल में टहल रहे हैं. मैंने उनके चलने की स्टाइल को पहचाना और मैंने संजय से कहा कि यह लंच और शॉपिंग भूल जाओ. पहले मुझे उनसे मिलना है. तब मैं और संजय उनके कमरे में गए थे और वह सर विव से मेरी पहली मुलाकात थी.'
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