नई दिल्लीः टीम इंडिया के सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि उनकी गेंदबाजी में कुछ भी असाधारण नहीं है और वह सिर्फ ‘स्टंप टू स्टंप’ लेंथ में गेंदबाजी करने पर ध्यान लगाते हैं ताकि विकेट मिल सकें. शमी इस विश्व कप में अभी तक भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे हैं और छह मैचों में 5.01 की इकोनोमी से 23 विकेट झटक चुके हैं जिसमें एक बार चार विकेट लेना और तीन बार पांच या इससे अधिक विकेट लेना शामिल है.
जानें क्या बोले शमी
मुंबई में मंगलवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने सात विकेट लिये. शमी ने कहा, ‘‘मैं हमेशा हालात देखता हूं कि पिच और गेंद किस तरह बर्ताव कर रही है कि गेंद स्विंग ले रही है या नहीं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर गेंद स्विंग नहीं ले रही होती तो मैं ‘स्टंप टू स्टंप’ गेंदबाजी करने की कोशिश करता हूं और गेंद को ऐसी जगह डालने का प्रयास करता हूं कि यह बल्लेबाज के ड्राइव करने के समय बल्ले का किनारा छू सके.
शमी विश्व कप के पहले चार मैच में अंतिम एकादश में शामिल नहीं थे और आल राउंडर हार्दिक पंड्या के बचे हुए टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद ही अंतिम एकादश में जगह बना सके. इसके बाद से शमी अपनी गति और सीम से अद्भुत रहे हैं, वह हर हालत में गेंद को मूव कर पा रहे हैं. पूर्व भारतीय मुख्य कोच कोच रवि शास्त्री का भी मानना है कि शमी रविवार को अहमदाबाद में आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में अहम भूमिका निभायेंगे.
भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने शुक्रवार को कहा कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी विश्व कप फाइनल में मेजबान टीम प्रबल दावेदार होगी और उसे अपनी रणनीति पर बरकरार रहना चाहिए. शास्त्री ने शहर में एक कार्यक्रम के इतर फाइनल में भारत की योजना पर बात करते हुए कहा कि उन्हें कुछ भी अलग करने की जरूरत नहीं है.
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