धोनी ने क्यों कहा था मैच हारे तो ठीकरा मुझपर फोड़ा जाएगा? 2007 T20 World Cup के सबसे बड़े किस्से का 15 साल बाद खुलासा

15 Glorious Years of T20 World Cup 2007: 158 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान को आखिरी छह गेंदों पर जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. इन-फॉर्म मिस्बाह-उल-हक मैच और खिताब को भारत से दूर ले जाना चाह रहे थे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 24, 2022, 10:13 PM IST
  • तुम दबाव मत लो, हार का ठीकरा मुझ पर आएगा- धोनी
  • जोगिंदर ने बताया कैसे मिस्बाह को किया आउट
धोनी ने क्यों कहा था मैच हारे तो ठीकरा मुझपर फोड़ा जाएगा? 2007 T20 World Cup के सबसे बड़े किस्से का 15 साल बाद खुलासा

15 Glorious Years of T20 World Cup 2007: दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में 24 सितंबर 2007 को उद्घाटन टी20 विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान पर भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के शनिवार को पूरे 15 साल हो गए. यह 24 वर्षों में भारत का पहला विश्व खिताब था और फैंस के दिमाग में उसकी यादें अभी भी जीवित है. 

भारत की इस महाजीत के हीरो जोगिंदर शर्मा से बेहतर इस जीत कौन जानता है? मीडियम पेसर गेंदबाज ने 2007 टी20 वल्र्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ भारत को पांच रन से जीत दिलाने में मदद की थी. जोगिंदर शर्मा ने मैच के बारे में बड़ा खुलासा किया है. 

पाकिस्तान को मिला था 158 रन का लक्ष्य

158 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान को आखिरी छह गेंदों पर जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. इन-फॉर्म मिस्बाह-उल-हक मैच और खिताब को भारत से दूर ले जाना चाह रहे थे. ऐसी परिस्थितियों में धोनी ने एक रिस्क और अंतिम ओवर फेंकने के लिए वह जोगिंदर शर्मा की ओर गए और फिर जोगिंदर ने मिस्बाह को आउट कर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया.

तुम दबाव मत लो, हार की ठीकार मुझ पर आएगा- धोनी

जोगिंदर शर्मा ने अब खुलासा किया है कि 15 साल पहले उस रात आखिरी ओवर में गेंदबाजी करते हुए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनकी क्या बातचीत हुई थी. वर्तमान में लीजेंड्स लीग में खेल रहे जोगिंदर ने कहा, "अंतिम ओवर से पहले चर्चा यह नहीं थी कि मुझे किस लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करनी चाहिए या मेरी गेंदबाजी की रणनीति क्या होनी चाहिए. माही ने मुझसे कहा कि तुम किसी भी तरह का दबाव मत लो. अगर हम हारते हैं, तो यह मेरे ऊपर आएगा."

जोगिंदर ने बताया कैसे मिस्बाह को किया आउट

उन्होंने कहा, "यहां तक कि जब मिस्बाह ने दूसरी गेंद पर मुझे छक्का लगाया, तब भी हम दबाव में नहीं थे. किसी भी समय, हमने चर्चा नहीं की कि हमें क्या करने की आवश्यकता है. तीसरी गेंद डालने से ठीक पहले मैंने देखा कि मिस्बाह स्कूप खेलने के लिए तैयार हो रहे हैं. इसलिए मैंने लेंथ में बदलाव किया और धीमी गेंदबाजी की. और मिस्बाह इसे ठीक से हिट नहीं कर पाए. श्रीसंत ने कैच लपका और बाकी जैसा कि वे कहते हैं कि इतिहास है." जोगिंदर ने कहा कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल की यादें अभी भी उनके दिमाग में ताजा है और हमेशा रहेगी.

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