नई दिल्ली: मनिका बत्रा और दीया चिताले की जोड़ी वेल्स के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में हारकर CWG 2022 से बाहर हो गई. ये हार मनिका के लिए सबसे ज्यादा दुखद है क्योंकि उनके पास बर्मिंघम में कई मेडल जीतने का बेहतरीन मौका था लेकिन एक एक करके सभी मौके उनके हाथ से निकल गए.
गोल्ड कोस्ट में जीते थे 4 मेडल
मनिका बत्रा गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में टेबल टेनिस में भारत के लिए स्टार परफॉर्मर थीं, उन्होंने दो स्वर्ण सहित चार पदक जीते. उनसे बमिर्ंघम में भी अपने प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद की गई थी क्योंकि वह फिर से महिला टीम चैम्पियनशिप सहित चार कार्यक्रमों में भाग ले रही थीं. 27 वर्षीय खिलाड़ी निराश दिखीं और दोनों वर्गो में क्वार्टर फाइनल में हारकर एकल और मिश्रित युगल प्रतियोगिताओं से बाहर हो गईं. महिला युगल में उनकी एकमात्र उम्मीद है जिसमें वह दीया चितले के साथ क्वार्टर फाइनल में पहुंची हैं.
मनिका के नेतृत्व में, भारतीय महिला टीम ने 2018 में गोल्ड कोस्ट में फाइनल में सिंगापुर को नाबाद हराया था. मनिका ने फाइनल में भारत की 3-1 से जीत में दुनिया के चौथे नंबर के फेंग तियानवेई के साथ-साथ झोउ यिहान को भी हराया था. इसके बाद वह फाइनल में सिंगापुर की यू मेंग्यू को हराकर CWG 2018 में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं और महिला युगल में भारत का पहला रजत पदक जीतकर अपने गौरव का ताज पहनाया.
सिंगल्स से भी बाहर हुईं मनिका
महिला एकल में मनिका महिला एकल क्वार्ट फाइनल में सिंगापुर की जियान जेंग से हार गईं. इसके बाद उनके पास दीया चिताले के साथ सेमीफाइनल में पहुंचने और मेडल सुनिश्चित करने का मौका था. हालांकि इस बार उन्हें वेल्स के खिलाड़ियों के हाथों मात मिली. इस मैच में भी मनिका कुछ खास कमाल नहीं कर सकीं बेहद साधारण खेल का प्रदर्शन किया. उन्हें करीब से जानने वाले लोग कहते हैं कि मनिका का स्वभाव आक्रामक और जिद्दी है. मनिका बत्रा का टोक्यो ओलंपिक से पहले अपने कोच से भी विवाद हुआ था जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई.
क्या है मनिका की असली परेशानी
कागज पर कुछ भी गलत नहीं लगता, उनका खेल उतना ही ठोस है जितना पहले था और इस स्तर पर, आप अपने स्ट्रोक्स को नहीं भूलते. ऐसा लगता है कि मनिका किसी मानसिक अवरोध से पीड़ित है, मानो वह कुछ रोकना चाहती है. पहला संकेत यह था कि चीजें उतनी सहज नहीं थीं जितनी उन्हें उम्मीद थी, जब वह टीम प्रतियोगिता में मलेशिया की कैरन लिन से 11-8, 11-3, 11-9 से हार गईं. तथ्य यह है कि उन्होंने शुक्रवार को छह मैच खेले हैं, यह साबित करता है कि इसमें कोई फिटनेस मुद्दा शामिल नहीं है. इसलिए, अब यह मनिका और उनके सहयोगियों पर छोड़ दिया गया है कि वे इसे जल्द से जल्द सुलझा लें अन्यथा यह डब्ल्यूटीटी पर उनके प्रदर्शन को खराब कर सकता है.
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