CWG 2022: कॉमनवेल्थ में भारत ने जीता छठा गोल्ड, लंबी कूद में भी रचा इतिहास

बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के 7वें दिन भारत के खाते में दो और ऐतिहासिक पदक आये हैं जिसके चलते उसके कुल पदकों की संख्या 20 हो गई है. भारत ने अब तक 6 गोल्ड, 7 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किये हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 5, 2022, 06:08 AM IST
  • पैरा पावर लिफ्टिंग में भारत को मिला छठा गोल्ड
  • मुरली शंकर ने भारत को दिलाया लंबी कूद में पहला पदक
CWG 2022: कॉमनवेल्थ में भारत ने जीता छठा गोल्ड, लंबी कूद में भी रचा इतिहास

नई दिल्ली: Commonwealth Games Medal Tally: बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के 7वें दिन भारत ने इतिहास रच दिया है और पैरा वेटलिफ्टिंग में अपना छठा गोल्ड मेडल हासिल किया है. इतना ही नहीं ऊंची कूद के बाद लंबी कूद में भी भारत ने इतिहास रचा और कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार इस स्पर्धा में कोई पदक हासिल किया है. जहां ऊंची कूद में यह कारनामा तेजस्विन जयशंकर ने किया था तो वहीं पर लंबी कूद में यह श्रेय मुरली श्रीशंकर को जाता है जिन्होंने लंबी कूद में भारत के लिये कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला सिल्वर पदक जीता है. 

7वें दिन की शुरुआत एथलेटिक्स में हिमा दास और मंजू बाला की जीत के साथ हुआ, जिसे बॉक्सर्स ने आगे बढ़ाया, इस दौरान कई पदक पक्के जरूर हुए लेकिन पदकतालिका में भारत के पदकों की संख्या नहीं बढ़ी.  

मुरली शंकर ने भारत को दिलाया लंबी कूद में पहला पदक 

एथलेटिक्स के लंबी कूद फाइनल प्रतियोगिता में भारत की ओर से मोहम्मद अनीस याहिया और मुरली श्रीशंकर खेलने उतरे थे, जहां पर अनीस पांचवे स्थान पर ही पहुंच सके वहीं पर श्रीशंकर ने पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया. श्रीशंकर राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष लंबी कूद स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार श्रीशंकर ने अपने पांचवें प्रयास में 8.08 मीटर की दूरी के साथ रजत पदक अपने नाम किया.  

स्वर्ण पदक जीतने वाले बहामास के लेकुआन नेर्न ने भी अपनी दूसरी कोशिश में 8.08 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. लेकुआन का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास हालांकि 7.98 मीटर का रहा जो श्रीशंकर के 7.84 मीटर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर रहा जिसके कारण उन्हें विजेता घोषित किया गया. साथ ही लेकुआन ने अपने दूसरे प्रयास में यह दूरी हासिल की और उन्हें हवा से कम सहायता मिली. श्रीशंकर के प्रयास के समय हवा की गति प्लस 1.5 मीटर प्रति सेकेंड जबकि नेर्न के प्रयास के समय माइनस 0.1 मीटर प्रति सेकेंड थी.  

अगर ऐसा होता तो भारत के खाते में आते दोनों पदक 

दक्षिण अफ्रीका के योवान वान वुरेन ने 8.06 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया. श्रीशंकर और याहिया दोनों क्रमश: 8.36 मीटर और 8.15 मीटर के अपने निजी और सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रहे. अगर ये दोनों अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करते तो भारत को स्वर्ण और रजत पदक मिल सकते थे. श्रीशंकर क्वालीफाइंग दौर में एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने 8.05 मीटर के साथ आठ मीटर का स्वत: क्वालीफाइंग स्तर हासिल किया था. श्रीशंकर और याहिया छह प्रयास के फाइनल में तीन प्रयास के बाद क्रमश: छठे और आठवें स्थान पर चल रहे थे. बारह खिलाड़ियों के फाइनल में तीन प्रयास के बाद शीर्ष आठ खिलाड़ियों को ही अगले तीन प्रयास करने की स्वीकृति होती है. 

पैरा पावर लिफ्टिंग में भारत को मिला छठा गोल्ड 

एथेलेटिक्स में इतिहास रचने के बाद भारत के लिये राष्ट्रमंडल खेलों की पैरा पावर लिफ्टिंग स्पर्धा के पुरुष हैवीवेट फाइनल में सुधीर ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया और देश की झोली में छठा गोल्ड मेडल डाल दिया. सुधीर राष्ट्रमंडल खेलों की पैरा पावर लिफ्टिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है. उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 212 किग्रा वजन उठाकर रिकॉर्ड 134.5 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता. सुधीर हालांकि अपने अंतिम प्रयास में 217 किग्रा वजन उठाने में नाकाम रहे.  

नाइजीरिया के इकेचुकवु क्रिस्टियन उबिचुकवु ने 133.6 अंक के साथ रजत जबकि स्कॉटलैंड के मिकी यूले ने 130.9 अंक के साथ कांस्य पदक जीता. क्रिस्टियन ने 197 किग्रा जबकि यूले ने 192 किग्रा वजन उठाया. इससे पहले मनप्रीत कौर और सकीना खातून महिला लाइटवेट फाइनल में क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर रहते हुए पदक से चूक गईं जबकि पुरुष लाइटवेट फाइनल में परमजीत कुमार तीनों प्रयासों में विफल रहने के बाद अंतिम स्थान पर रहे. पावरलिफ्टिंग में भार उठाने पर शरीर के वजन और तकनीक के अनुसार अंक मिलते हैं. समान वजन उठाने पर शारीरिक रूप से कम वजन वाले खिलाड़ी को दूसरे की तुलना में अधिक अंक मिलेंगे. 

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