नई दिल्लीः Asian Boxing Championship 2022: भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) और परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने जॉर्डन के अम्मान में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शुक्रवार को स्वर्ण पदक जीते. ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और 75 किग्रा भार वर्ग में पहली बार किसी टूर्नामेंट में भाग ले रहीं लवलीना ने उज्बेकिस्तान की रुजमेतोवा सोखीबा पर 5-0 से सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की.
वहीं, 81 किलोग्राम में अल्फिया खान और स्वीटी ने भी देश के लिए गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया.
लवलीना के लिए मनोबल बढ़ाने वाली जीत
वहीं, परवीन ने जापान की किटो माई को इसी अंतर से हराया. दूसरी तरफ मीनाक्षी ने एशियाई चैंपियनशिप में पदार्पण पर अपना अभियान फ्लाईवेट वर्ग (52 किग्रा) में रजत पदक जीतकर समाप्त किया. यह जीत 25 वर्षीय लवलीना के लिए मनोबल बढ़ाने वाली रही, क्योंकि तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद वह खराब फॉर्म में चल रही थी.
अब 75 किलो भार वर्ग में खेल रहीं लवलीना
वह विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में शुरू में ही बाहर हो गई थीं. असम की यह मुक्केबाज 69 किलो से 75 किलो में खेलने लगी थीं, क्योंकि उनका पिछला भार वर्ग पेरिस ओलंपिक में शामिल नहीं है. दोनों मुक्केबाजों ने सहज शुरुआत की और एक दूसरे को हमला करने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन लवलीना ने जल्द ही कुछ दमदार मुक्के जमाकर अपना दबदबा कायम कर दिया.
इसके बाद दोनों ने एक दूसरे के हमले से बचने का भी प्रयास किया. लवलीना कुछ करारे मुक्के जड़ने में सफल रही. उनका एक मुक्का इतना जबरदस्त था कि रेफरी को सोखीबा के लिए गिनती गिननी पड़ी.
कॉमनवेल्थ में भाग नहीं ले पाई थीं परवीन
विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पाई थीं, लेकिन उन्होंने यहां चौथी वरीयता प्राप्त माई के खिलाफ दबदबा बनाए रखा और सर्वसम्मत फैसले से जीत दर्ज की. दोनों मुक्केबाजों ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की, लेकिन शीर्ष वरीयता प्राप्त परवीन ने जल्द ही दबदबा बना दिया और अपनी प्रतिद्वंद्वी पर दनादन कई मुक्के जड़े.
पहला राउंड गंवाने के बाद माई ने वापसी की कोशिश की, लेकिन परवीन पूरी तरह से तैयार थीं और उन्होंने उसे कोई मौका नहीं दिया. भारतीय मुक्केबाज ने तीसरे राउंड में अपने अपर कट का अच्छा नमूना पेश किया.
जापान की किनोशिता से हारीं मीनाक्षी
मीनाक्षी पूरी कोशिश के बावजूद स्वर्ण पदक के मुकाबले में जापान की किनोशिता रिंका से विभाजित फैसले में 1-4 से हार गईं. दूसरी वरीयता प्राप्त जापानी खिलाड़ी के खिलाफ मीनाक्षी की शुरुआत धीमी रही, जबकि प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज ने इस भारतीय की सुस्ती का पूरा फायदा उठाया और पांच में से चार जज का फैसला अपने पक्ष में कराया.
दूसरे दौर में भी मीनाक्षी सटीक मुक्के नहीं जड़ सकीं, जबकि जापानी मुक्केबाज ने सही जगह पर मुक्के जड़कर अंक बटोरे और अच्छा बचाव किया. अंतिम तीन मिनट में मीनाक्षी ने शानदार वापसी की और मुक्कों के अच्छे तालमेल से अंक जुटाए. लेकिन, उन्हें 1-4 से हार का सामना करना पड़ा.
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