लखनऊ: संगम की नगरी प्रयागराज में माघ मेला-2020 की शुरुआत कल से होने जा रही है. जप, तप, स्नान, ध्यान और दान के कल्पवास की भी इसी दिन से शुरुआत हो जाएगी. यह मेला महाशिवरात्रि यानि 21 फरवरी तक चलेगा. मेला प्रशासन ने प्रथम स्नान पर्व पर 32 से 40 लाख तक श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है, जो मौनी अमावस्या के दिन करीब दो करोड़ तक पहुंचेगा.
माघ मेले के लिये सरकार ने जारी किये 57 करोड़
उत्तर प्रदेश में माघ मेले के लिए 57 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है. कुंभ की सफलता के बाद प्रशासन को उम्मीद है कि, इस बार माघ मेले में ज्यादा श्रद्धालु आएंगे. माघ मेले का भी सनातन संस्कृति में विशेष महत्व है. मेले का क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में 500 बीघा बढ़ाकर ढाई हजार क्षेत्रफल कर दिया गया है. डायल 112 डायल की 20 चार पहिया और 25 दोपहिया वाहनों को लगाया गया है. 174 सीसीटीवी कैमरों में पूरे मेले को कवर करने की कोशिश की गई है. ड्रोन कैमरे से भी मेले पर नजर रखी जाएगी.
मेले के लिये कई स्पेशल ट्रेन चलाएगी सरकार
माघ मेले के दौरान रेलवे ने तीन प्रमुख स्नान पर्वो मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी पर कुल 225 मेला स्पेशल ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई है. अन्य तीन पर्वों पौष पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुसार स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा.
श्रद्धालुओं के लिये विशेष स्नान घाट
आपको बता दें कि माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की तादात को देखते हुए इस बार मेला क्षेत्र में तकरीबन 5 किलोमीटर लंबा स्नान घाट बनाया गया है. गंगा और यमुना किनारे कुल 16 स्नान घाट बनाए गए हैं और सबसे बड़ा संगम स्नान घाट है. सर्कुलेटिंग एरिया में 3 किलोमीटर के स्नान घाट की तैयारी चल रही है. यहां 1 मिनट में 13 से 15000 श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। महिलाओं के लिए 700 चेंजिंग रूम बन रहे हैं. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के मेले में 5 सेक्टर थे, जबकि इस बार 6 सेक्टर में मेला बसाया जा रहा है. सेक्टर 1 क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा होगा और इसमें संगम परेड मैदान शामिल है.
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