पटना: बिहार की राजनीति (Bihar Politics) और उलटफेर में घनिष्ठ सम्बन्ध है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तेजस्वी यादव का साथ छोड़कर अलग गठबंधन बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा अब नीतीश कुमार की राजनीतिक शरण में जाने को विवश हैं.
कुशवाहा की पार्टी RLSP का हाल के चुनावों में प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा. बिहार की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बचाने के उपेंद्र कुशवाहा का नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और JDU के साथ जाना जरूरी है.
घट रहा JDU का जनाधार
आपको बता दें कि हाल के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) का जनधार बहुत घटा है. JDU मात्र 43 सीटें ही जीत सकी और नीतीश कुमार को भाजपा की दया पर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. अब बिहार की राजनीति में JDU को अपना खोया जनाधार वापस पाने के लिए उपेंद्र कुशवाहा जैसे क्षेत्रीय नेता की जरूरत है. उससे भी ज्यादा उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश की जरूरत है क्योंकि उन्हें भी अपनी जमीन बचानी है.
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नीतीश और कुशवाहा बन गए थे सियासी दुश्मन
उल्लेखनीय है कि उपेंद्र कुशवाहा को पहली बार नीतीश कुमार ने ही विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया था, लेकिन बाद में उन्होंने न सिर्फ नीतीश से नाता तोड़ा बल्कि वो सियासी तौर पर एक दूसरे के दुश्मन भी बन बैठे. हालांकि, अब वक्त और सियासत ने उन्हें ऐसी जगह खड़ा कर दिया है कि दोनों एक बार फिर नजदीक आने लगे हैं.
नीतीश और उपेंद्र कुशवाहा में इस कदर तनाव था कि महागठबंधन का साथ छोड़ने के बाद कुशवाहा NDA में वापसी करना चाहते थे लेकिन नीतीश ने उन्हें NDA में वापस नहि आने दिया. NDA से कुशवाहा बाहर भी नीतीश की वजह से हुए थे.
नीतीश और कुशवाहा एक दूसरे की जरूरत
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के बाद से RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर नरम रुख अपनाए हुए हैं. गौरतलब है कि बीते गुरुवार को दोनों नेता मिले हैं. नीतीश और उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात के बड़े राजनीतिक निहितार्थ हैं.
विशेष बात ये है कि कुशवाहा जेडीयू से अपनी अलग पार्टी बनाकर कोई करिश्मा नहीं दिखा सके हैं. वहीं, पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच इस चुनाव में नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट आई है, जिससे जेडीयू का राजनीतिक आधार खिसका है. BJP का जनाधार लगातार बढ़ रहा है और तेजस्वी यादव की भी लोकप्रियता बिहार में बढ़ी है जो नीतीश कुमार के लिए झटका है.
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