जयपुर: राजस्थान (Rajsthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin pilot) में तकरार कम नहीं हुई है. दोनों नेता एकदूसरे के पर कतरने में लगे हैं. गांधी परिवार के समझाने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के तेवर नम्र हुए हैं लेकिन गहलोत सरकार के लिए वे अब भी चुनौती बने हुए हैं. पायलट की एक चिट्ठी ने गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द पैदा कर दिया है.
सचिन पायलट ने गहलोत को लिखी चिट्ठी
आपको बता दें कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव में जारी किए गए घोषणा पत्र को याद दिलाया है. सचिन पायलट राजस्थान की राजनीति में ये साबित करना चाहते हैं कि वे अब भी पहले की तरह प्रासंगिक हैं और उन्हें कोई भी दरकिनार नहीं कर सकता.
गौरतलब है कि पत्र में पायलट ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) समाज को पांच फीसद आरक्षण नहीं दिया जा रहा हैं. इसके साथ ही देवनारायण बोर्ड और देवनारायण योजना के अंतरगत आने वाले कई विकास कार्य भी लगभग ठप्प पड़े हैं जो पीड़ादायी हैं. ऐसे में इन पर शीघ्र कार्रवाई की जाए. अशोक गहलोत के लिए सचिन पायलट की ये मांग मानना इतना आसान नहीं है.
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याद दिलाया 2018 चुनाव का घोषणा पत्र
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनाव के दौरान किये गए वादे याद दिलाए. उनका साफ तौर पर कहना है कि कांग्रेस सरकार अपने वादे पूरे न करके जनता में कांग्रेस की गलत छवि बना रही है जिसका नुकसान पार्टी को जरूर झेलना पड़ेगा.
MBC समाज को 5 फीसदी आरक्षण देने का वादा
CM अशोक गहलोत को लिखे पायलट ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी ने साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में एमबीसी समाज को पांच फीसद आरक्षण देने का उल्लेख किया था. साथ ही पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2011 में ये समझौता भी हुआ था कि चार फीसद अतिरिक्त पद एसबीसी के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे.