Rajasthan: गहलोत सरकार से BTP ने वापस ले लिया समर्थन, बताई ये वजह

समर्थन वापसी के कारण बताने के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि हमारी 17 सूत्री मांगों में से एक भी पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि संकट के समय पार्टी के दोनों विधायकों रामप्रसाद व राजकुमार रोत ने सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन कांग्रेस ने डूंगरपुर में भाजपा के साथ मिलकर जिला प्रमुख बनवा दिया और BTP को उनसे धोखा मिला

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 24, 2020, 07:30 AM IST
  • समर्थन वापसी के कारण बताने के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि हमारी 17 सूत्री मांगों में से एक भी पूरी नहीं हुई
  • BTP ने जिला परिषद प्रमुख और पंचायत समिति प्रधान चुनाव में कांग्रेस और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाया था.
Rajasthan: गहलोत सरकार से BTP ने वापस ले लिया समर्थन, बताई ये वजह

जयपुरः राजस्थान में Congress सरकार एक बार फिर से मुश्किल में है. यहां की Ashok Gehlot सरकार को समर्थन दे रही भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने बुधवार को समर्थन वापस ले लिया.  पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर वेलाराम घोगरा (Dr. Velaram Ghogra) ने कहा कि उन्होंने समर्थन वापस लेने के लिए राज्यपाल के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी भेज दी है.

इसलिए नाराज हुई BTP
समर्थन वापसी के कारण बताने के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि हमारी 17 सूत्री मांगों में से एक भी पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि संकट के समय पार्टी के दोनों विधायकों रामप्रसाद व राजकुमार रोत ने सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन कांग्रेस ने डूंगरपुर में भाजपा के साथ मिलकर जिला प्रमुख बनवा दिया और BTP को उनसे धोखा मिला.

दरअसल, BTP का आरोप है कि पिछले दिनों हुए जिला प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेताओं ने आपस में सहमति कर BTP का जिला प्रमुख नहीं बनने दिया. 

पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने लगाए आरोप
BTP  ने जिला परिषद प्रमुख और पंचायत समिति प्रधान चुनाव में कांग्रेस और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाया था. घोघरा के अनुसार डूंगरपुर की सात पंचायत समिति में पार्टी के पास बहुमत था और उसके प्रधान बनने थे, लेकिन इन दोनों पार्टियों की छिपी गठजोड़ के चलते वह केवल चार जगह प्रधान बना पाई.

इसके अलावा डूंगरपुर जिला परिषद में भी उसका समर्थित प्रत्याशी हार गया.
राज्यपाल को पत्र भेजने के साथ घोघरा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र को अशांत करने की साजिश चल रही है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका व नगर परिषद के आगामी चुनाव में पार्टी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी. 

पिछले दिनों रही ऐसी चर्चा
साल की शुरुआत में मध्य प्रदेश कांग्रेस मुश्किल में आई थी. जिसका परिणाम हुआ कि होली के दौरान कमलनाथ सरकार गिर गई. इसके बाद अगस्त-सितंबर में राजस्थान कांग्रेस में बवाल मच गया. सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के बीच का गतिरोध खुलकर सामने आ गया.

हालांकि तब उस मामले का पटाक्षेप हो गया था, लेकिन भीतर खाने से रह-रहकर दोनों ओर से रसाकशी जैसी खबरें आती रहती हैं. अभी हाल ही में सचिन पायलट और राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा साथ-साथ दिखे थे. दो पुराने साथियों के इस तरह मिलने से चर्चाओं का बाजार गर्म रहा था. 

क्या राजस्थान कांग्रेस में सब ठीक है?
दरअसल रघु शर्मा, पायलट के करीबी रहे हैं, लेकिन सियासी गतिरोध के दौरान वह सीएम गहलोत के लिए संकटमोचक की भूमिका में थे. ऐसे में पायलट से रिश्ते कमजोर होना लाजिम थे. लेकिन अचानक दोनों का फिर से साथ दिखना, नई चर्चाओं की वजह बन गया. अब बुधवार को जब BTP ने समर्थन वापस लिया है तो फिर से निगाहें राजस्थान की ओर हैं कि क्या राजस्थान कांग्रेस में सब ठीक है?

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