EIA ड्राफ्ट 2020: सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, उठाये कई सवाल

पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) 2020 ड्राफ्ट की कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि प्रकृति को सजाने और संवारने के लिए मोदी सरकार को अधिक मेहनत करनी चाहिए.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 13, 2020, 10:54 AM IST
    • पिछले 6 साल में मोदी सरकार ने नहीं किया पर्यावरण का विकास- सोनिया गांधी
    • पर्यावरण को लेकर पीएम मोदी का रिकॉर्ड खराब- सोनिया गांधी
    • राहुल गांधी भी केंद्र सरकार के ड्राफ्ट के खिलाफ
EIA ड्राफ्ट 2020: सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, उठाये कई सवाल

नई दिल्ली: मोदी सरकार नई पर्यावरण नीति लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए EIA यानी पर्यावरण प्रभाव आकलन ड्राफ्ट लेकर आई है. पर्यावरण मंत्रालय ने इसी साल मार्च में ईआईए मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी. इस पर जनता से राय मांगी गई थी. इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं. कांग्रेस इस ड्राफ्ट से खुश नहीं है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसका विरोध कर रहे हैं.

पिछले 6 साल में मोदी सरकार ने नहीं किया पर्यावरण का विकास- सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश ने विकास की रेस के लिए पर्यावरण की बलि दी है, लेकिन इसकी भी एक सीमा तय होनी चाहिए. पिछले 6 साल में इस सरकार का रिकॉर्ड ऐसा ही रहा है जिसमें पर्यावरण को लेकर रक्षा करने पर विचार नहीं है, आज दुनिया में इस मामले में हम काफी पीछे हैं.

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पर्यावरण को लेकर पीएम मोदी का रिकॉर्ड खराब- सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने एक लेख में लिखा है कि गुजरात के सीएम के तौर पर से लेकर अबतक नरेंद्र मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर खराब रहा है, अब भी सरकार ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर नियमों को उजाड़ रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा कि यूपीए ने जो एक्ट पास किया था उसे सरकार ने बदल दिया.

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राहुल गांधी भी केंद्र सरकार के ड्राफ्ट के खिलाफ

राहुल गांधी ने लोगों को भड़काते हुए कहा था कि वे नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 ड्राफ्ट के खिलाफ प्रदर्शन करें. उनका कहना है कि यह खतरनाक है और अगर नोटिफाइड होता है तो इसके दीर्घकालिक परिणाम विनाशकारी होंगे. उन्होंने इसकी आलोचना करते हुए कहा था कि इसमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिहाज से लंबी लड़ाई के बाद हासिल हुए फायदों को न सिर्फ पलटने की ताकत है बल्कि इसमें पूरे देश में पर्यावरण के लिहाज से व्यापक विनाश और बर्बादी फैलाने की भी क्षमता है.

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