नई दिल्ली: एक तरफ बिहार में मुख्यमंत्री पद की दौड़ जारी है तो दूसरी तरफ BJP अपने संगठन की मजबूती को कस रही है. पिछले दिन दिल्ली भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं में जिम्मेदारियां बांटी हैं वहीं अब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यों के प्रभारियों की घोषणा की है.
किसी का बढ़ा कद, किसी को नहीं मिला पद
जानकारी के मुताबिक, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बहुप्रतीक्षित राज्यों के प्रभारियों की घोषणा की है. पूर्व महासचिव राम माधव और अनिल जैन को किसी प्रदेश का प्रभार नहीं दिया गया. जबकि पूर्व महासचिव मुरलीधर राव को महत्वपूर्ण मध्य प्रदेश का प्रभार देकर पुनर्वास किया गया है.
वहीं महासचिव भूपेंद्र यादव को एक बार फिर से बिहार और गुजरात का प्रभारी बनाया गया है. जबकि दूसरे महासचिव अरुण सिंह से ओड़िशा का प्रभार तो ले लिया गया लेकिन उन्हें कर्नाटक और राजस्थान जैसे अहम राज्यों का प्रभारी बनाया गया है.
कैलाश विजयवर्गीय ने दिखाया है बंगाल में भरोसा
जानकारी मिली है कि हरियाणा की जिम्मेदारी महाराष्ट्र के कद्दावर नेता विनोद तावड़े (Vinod Tawde) के कंधे आया है. अभी तक यह जिम्मा Anil Jain संभालते रहे थे. वहीं सबसे महत्वपूर्ण राज्य की जिम्मेदारी यानी पश्चिम बंगाल का जिम्मा जे पी नड्डा ने एक बार पार्टी महासचिव Kailash Vijayvargiya को दिया है.
बंगाल में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है और गृह मंत्री अमित शाह खुद बंगाल पर नजर रखे हुए हैं. कैलाश विजयवर्गीय ने आलाकमान की रणनीति को अमली जामा पहनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है.
राधा मोहन सिंह को यूपी का प्रभार
पूर्व केंद्रीय मंत्री Radha Mohan Singh भाजपा यूपी के प्रभारी बनाए गए हैं. उनके साथ 3 सह प्रभारी भी रहेंगे. सुनील ओझा, सत्या कुमार और बिहार से विधायक संजीव चौरसिया. इस बार दिल्ली का प्रभारी बनने वाले हैं विजयंत पांडा. पहले BJD में शामिल रहे BJP उपाध्यक्ष विजयंत पांडा को दिल्ली का प्रभारी बनाया गया है. पांडा को ही असम की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
दुष्यंत गौतम को पंजाब की जिम्मेदारी
पार्टी के एक और महासचिव दुष्यंत गौतम को पंजाब, चंडीगढ़ और उत्तराखंड का प्रभारी बनाया गया है. पंजाब में अकाली दल से अलग होने के बाद पार्टी को पूरे राज्य में संगठन मजबूत करने का अवसर मिला है. अब ये काम दुष्यंत के लिए काफी चुनौती भरा होगा.
हाल के उपचुनाव में तेलंगाना में बीजेपी ने बेहतर नतीजे लाये हैं. अब इस राज्य का नया प्रभारी बनाया गया है पार्टी महासचिव तरुण चुग को. उनके पास लद्दाख और जम्मू कश्मीर का भी प्रभार रहेगा. जम्मू कश्मीर को अभी तक राम माधव देखा करते थे. लेकिन नड्डा की नई टीम में उनको जगह नहीं मिली.
सीटी रवि को तीन राज्यों का प्रभार
नड्डा की टीम में पहली बार राष्ट्रीय पटल पर आये पार्टी महासचिव सी टी रवि को 3 राज्यों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है. रवि को महाराष्ट्र, गोवा और तमिलनाडु का प्रभारी बनाया गया है. महाराष्ट्र में पार्टी को सत्ता में वापस लाने और संगठन में विस्तार की चुनौती होगी सी टी रवि के लिए.
डी पुरुन्देश्वरी को छत्तीसगढ़, ओडिशा का प्रभार
पार्टी महासचिव डी पुरुन्देश्वरी को छतीसगढ़ और ओड़िशा का प्रभारी बनाया गया है. छत्तीसगढ़ का प्रभार अभी तक अनिल जैन के पास था जबकि ओडिशा का प्रभार अरुण सिंह के पास. पुरुन्देश्वरी के लिये छतीसगढ़ में हार से हताश पार्टी संगठन को फिर से पटरी पर लाना होगा.
उसी तरह उन्हें ओडिशा में ताकतवर नवीन पटनायक के करिश्मे की काट ढूंढनी होगी. पूर्वोत्तर के राज्यों में राम माधव की अभी तक सुनी जाती रही है. लेकिन अब अलग अलग राज्यों के प्रभारी सीधे केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट करेंगे.
नगालैंड पहले की तरह पार्टी प्रवक्ता नलिन कोहली देखते रहेंगे. जबकि दूसरे प्रवक्ता संबित पात्रा को पहली बार संगठन की जिम्मेदारी मिली है. पात्रा को मणिपुर का प्रभारी बनाया गया है. बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों की जिम्मेदारी संभालने वाले पार्टी सचिव सत्या कुमार को अंडमान निकोबार का प्रभारी बनाया गया है. जबकि आंध्र प्रदेश की जिम्मेदारी वी मुरलीधरन संभालेंगे.
बीजेपी मोर्चे के प्रभारियों की भी घोषणा
नड्डा ने मोर्चे के प्रभारियों की भी घोषणा की है. सबसे महत्वपूर्ण युवा मोर्चा के प्रभारी होंगे तरुण चुग. जबकि सियासी तौर पर सबसे अहम अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चे का प्रभार अरुण सिंह को सौंपा गया है. भूपेंद्र यादव को किसान मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है. जबकि दुष्यंत गौतम को महिला मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है.
कार्यकारिणी की घोषणा अभी बाकी
भाजपा अध्यक्ष ने अपनी पूरी टीम की लगभग घोषणा कर दी है. हालांकि अभी भी कार्यकारिणी की घोषणा होनी बाकी है. उस समय ही पता चलेगा कि शक्तिशाली पार्टी संसदीय बोर्ड में किसको किसको शामिल किया गया. अभी इस समय संसदीय बोर्ड में 4 जगह खाली है. इसमें जिसे भी जगह मिलेगी, उसकी सियासी हैसियत अन्यों से ज्यादा हो जाएगी. इस घोषणा के बाद ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि देर सबेर मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो सकता है.
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