Pasta: आजकल पास्ता लगभग हर किसी के फेवरेट फूड की लिस्ट में शामिल हो चुका है. इसका स्वाद हर किसी को भाता है. हाल ही में सामने आई एक रिसर्च बताती है कि पास्ता खाने से आपका मूड पहले से काफी बेहतर हो सकता है.
नई दिल्ली: Pasta: तेज भूख लगी हो या फिर मूड खराब हो अच्छा खाना खाते ही हम बेहतर महसूस करने लगते हैं. पास्ता खाना तो वैसे भी शायद ही कोई हो, जिसे बिल्कुल भी पसंद न हो. इसे खाकर मूड फ्रेश हो जाता है. बता दें कि हाल ही में हुई एक स्टडी में पाया गया कि 1 कटोरी पास्ता खाने से आपका मूड पहले से ज्यादा बेहतर हो सकता है.
पास्ता खाने को लेकर इटली के मिलान में फ्री यूनिवर्सिटी ऑफ लैंग्वेजेज एंड कम्युनिकेशन (IULM)में बिहेवियरल एंड ब्रेन लैब कि ओर से एक रिसर्च की गई. रिसर्च में पाया गया कि 1 कटोरी पास्ता खाना आपके मूड को पहले से काफी बेहतर बना सकता है.
इस रिसर्च में IULM के शोधकर्ताओं ने 25-55 वर्ष की आयु के बीच के 40 लोगों को पास्ता खाते समय उनके शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल बदलाव को मापा. फिर इन प्रतिक्रियाओं को पसंदीदा गाना सुनने और पसंदीदा खेल खेलने या स्पोर्ट्स देखने वाले लोगों की प्रतिक्रिया से तुलना की. रिसर्चर्स के मुताबिक पास्ता खाना "संज्ञानात्मक स्मृति प्रक्रियाओं को सक्रिय करने" में खेल या संगीत की तुलना में अधिक प्रभावी था.
IULM यूनिवर्सिटी में उपभोक्ता मनोविज्ञान और न्यूरोमार्केटिंग के प्रोफेसर और न्यूरोमार्केटिंग व्यवहार और ब्रेन लैब IULM के संस्थापक विन्सेन्जो रूसो ने कहा, "इस स्टडी में आए परिणाम हमें बताते हैं कि जब हम पास्ता खाते हैं तो हम भावनात्मक रूप से सबसे अधिक सक्रिय होते हैं.
रिसर्च को लेकर कई प्रतिभागियों से सवाल भी किया गया कि वे कब खाना पसंद करते हैं, जिसमें ज्यादातर लोगों का जवाब था कि जब वे दोस्तों के साथ होते हैं या खुश होते हैं या फिर जब वे अपने घरवालों के साथ भोजन करते हैं. यानी ज्यादातक खुशी के मौके पर वे इसे खाते हैं.
रिसर्च में शामिल लोगों से जब पूछा गया कि उन्हें पास्ता खाकर कितनी खुशी मिलती है तो 76% प्रतिशत लोगों का जवाब बेहद था. वहीं 40% लोग पास्ता को सबसे ज्यादा आरामदायक भोजन मानते हैं. शोधकर्ताओं को मानना है कि इटली में 99% लोग हफ्ते में 5 बार पास्ता खाते हैं. रिसर्चर्स की मानें तो मूड को बेहतर बनाने के लिए 1 कटोरी पास्ता बेहद फायदेमंद होता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी स्टडी पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.