Photos: मंगल जैसे वातावरण में 378 दिन रहे वैज्ञानिक, NASA के इस खास घर की ये हैं खूबियां!

NASA Mangal House: नासा ने मंगल के वातावरण जैसा एक घर बनाया था. यहां पर 4 वैज्ञानिकों को 1 साल के लिए छोड़ा गया. ये घर कई सुविधाओं से लैस था. फिर भी चारों वैज्ञानिकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

नई दिल्ली: NASA Mangal House: नासा के 4 वैज्ञानिक करीब 378 दिन बाद उस घर से बाहर आ गए हैं, जिसमें मंगल ग्रह जैसा माहौल है. इस घर में वैज्ञानिकों से सब्जियां उगाने से लेकर फसल काटने जैसे काम किए. लेकिन यहां पर पानी की कमी का भी सामना करना पड़ा. जल्द ही इस घर में कुछ और लोगों को भेजा जाएगा. अमेरिका 2030 में मंगल पर इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है.

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अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने पृथ्वी पर ही मंगल ग्रह जैसा माहौल बनाया और यहां पर 4 वैज्ञानिकों को 378 दिन तक रखा था. अब ये वैज्ञानिक बाहर आ चुके हैं. चारों वैज्ञानिक एकदम सकुशल हैं. नासा मंगल को लेकर 3 मिशन करना चाहता है. यह पहला मिशन था. दरअसल, अमेरिका साल 2030 तक मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजना चाहता है. इसी तैयारी के लिए 4 वैज्ञानिकों को मंगल जैसे माहौल में भेजा गया था.  

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मंगल जैसा वातावरण देने वाले इस घर को ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में बनाया गया था. इस घर को एक नाम भी दिया गया था. इसे क्रू हेल्थ एंड परफॉर्मेंस एक्सप्लोरेशन एनालॉग (CHAPEA) कहा जाता है. इस घर की खासियत ये है कि इसे 3D प्रिंटर से प्रिंट किया गया था.  

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ये घर ठीक वैसा ही था, जैसे पृथ्वी के घर होते हैं. इस घर में 4 वैज्ञानिकों के लिए 4 बेडरूम, 2 बाथरूम, 1 मेडिकल रूम, 1 लैब और 1 रोबोट स्टेशन के अलावा आंगन भी था. इस घर के आसपास रेत थी, ताकि मंगल ग्रह जैसा वातावरण क्रिएट हो सके.  

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इस घर में चारों वैज्ञानिकों ने सब्जियां उगाई, फसल काटी ताकि वे अपने खाने का इंतजाम खुद कर सकें. इन्होंने ठीक ऐसे जीवन जिया जैसे वे मंगल ग्रह पर हैं. यहां पर सबसे बड़ी चुनौती पानी की थी. सीमित पानी में वैज्ञानिकों सब्जियां और फसल भी उगाई.  

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इस घर से 4 वैज्ञानिक तो बाहर आ गए हैं, लेकिन जल्द ही इसमें कुछ अन्य लोगों को भी भेजा जाएगा. सर्दियों से पहले नासा इस घर में जिन लोगों को भेजने वाला है, उनके बारे में अध्ययन कर रहा है. नासा की वैज्ञानिक ग्रेस डगलस का कहना है कि इस घर में लोगों को इसलिए रखा जा रहा है, ताकि हम समझ सकें कि मंगल के वातावरण का इंसानों पर क्या सर पड़ता है.