China Moon Mission: चीन ने हाल ही में अंतरिक्ष मिशन में एक बड़ी कामयाबी हासिल की थी. 4 जून को चीन के यान चांग'ई-5 द्वारा चांद से दो किलो मिट्टी लाने का मिशन पूरा किया गया था. यह मिट्टी चांद के उस हिस्से से की है, जिस ओर अंधेरा रहता है. आइए जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने इस मिट्टी पर की रिसर्च मे क्या पाया और इससे चीन को क्या फायदा होगा?
नई दिल्ली: China Moon Mission: चीनी विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों के एक समूह ने नेचर एस्ट्रोनॉमी की एक जर्नल में बताया है कि चांद से लाए मिट्टी के सैंपल्स से पानी का पता चला है. हालांकि, साल 2020 में नासा के इन्फ्रारेड डिटेक्टर ने चांद पर पानी होने की पुष्टि की थी साथ ही 1960-1970 में लाए हालिया जांच में भी पानी के निशान दिखाई दिए हैं.
चीन के चांग'ई 5 मिशन द्वारा पृथ्वी पर लाए गए मिट्टी के सैंपल्स से एक अलग तरह के मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर को पता चलता है, जिसमें पानी की पाई गई है. चीनी वैज्ञानिकों के अनुसार, सैपंल में चांद की सतह पर पानी के मॉलिक्यूल्स और अमोनियम (ammonium) के असल फॉर्म की जानकारी मिली है. यानी वह किस स्वरूप में मौजूद है.
साथ ही वैज्ञानिकों ने ये भी बताया है कि सैंपल की जांच से पता चलता है कि पानी के मॉलिक्यूल्स चांद के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ उन क्षेत्रों में भी हैं मौजूद हैं जहां पर सूरज की रोशनी पड़ती है. रिसर्चर्स ये भी बताती है कि आने वाले समय में चांद पर वॉटर रिसोर्सेज और जीवन की संभावनाएं बन सकती हैं.
शोधकर्ताओं ने ये भी साफ कर दिया है कि चांद से लाए गए सैपंल्स में जिनमें पानी के मॉलिक्यूल्स मिले हैं वो किसी भी तरह के रॉकेट या और कोई टेरेस्टियल सोर्स से दूषित या खराब हो गया है. रिसर्च के अलावा है एक और वैज्ञानिक हैं जिन्होंने सैंपल को लेकर अहम जानकारी साझा की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिक का कहना है कि अगर सैंपल्स में सच में पानी मौजूद है तो एक से अधिक टुकड़े भी पाए जाने चाहिए. हालांकि, वैज्ञानिक रिसर्च से जुड़े हुए नहीं हैं. वहीं शोधकर्ताओं नमूनों में अमोनियम की उपस्थिति एक जटिल चंद्र क्षरण इतिहासस को दर्शाती है
गौरतलब है कि चीन एक ऐसे रोबोट पर भी काम कर रहा है जो चांद की मिट्टी से ईंट बनाने का कोशिश कर सकता है. अगर चीन आने वाले समय में इस मिशन में सफल हो जाता है तो संभावनाएं हैं कि चीन चांद पर कोई ढांचा खड़ा करे.