Bhangarh Fort History: राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ अपनी खूबसूरती के अलावा अपने डरावने रहस्यों के लिए जाना जाता है. यहां हर साल लाखों की संख्या में लोग घूमने आते हैं. इस किले को मुगल सेनापति मानसिंह के छोटे भाई राजा माधव सिंह ने बनवाया था. हालांकि इस किले को लेकर कई तरह की कहानियां सुनने को मिलती हैं.
नई दिल्ली:Bhangarh Fort History: अपनी संस्कृति, रॉयलटी और परंपराओं के लिए मशहूर राजस्थान दुनिया भर में लोगों की पसंदीदा जगह है. इस राज्य की रंग-बिरंगी संस्कृति हमेशा से ही पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रही हैं. इन सबके अलावा यहां पर कई खूबसूरत किले और महल भी मौजूद हैं, जिनमें से एक है डरावना भानगढ़ का किला...
भानगढ़ किला राजस्थान की ऐतिहासिक इमारतों में से एक है. ये लोगों के बीच अपनी डरावनी कहानियों को लेकर काफी पॉपुलर है. इस किले का अपना एक समृद्ध इतिहास है. हालांकि, यह अपनी रहस्यमयी चीजों के लिए लोगों को ज्यादा अटरेक्ट करता है, तो आइए जानते हैं क्या है भानगढ़ किले से जुड़ा वो भयानक रहस्य...
भानगढ़ का किला जयपुर और अलवर शहर के बीच सरिस्का सेंचुरी से 50 किलोमीटर दूर बना है. 17वीं शताब्दी में इस किले को आमेर के मुगल सेनापति मानसिंह के छोटे भाई राजा माधव सिंह ने बनवाया था. यह किला अपने वातावरण, सुरम्य अरावली पर्वत और खूबसूरत वास्तु कला के लिए लोगों को आकर्षित करता है.
कहते हैं कि इस किले को एक तपस्वी का ऐसा श्रॉप लगा कि आज तक किले पर उसका असर बना हुआ है. मान्यता के मुताबिक जिस जगह पर यह किला बना है, वह बाबा बलाऊ नाथ नाम के एक साधु की थी. साधु ने एक ही शर्त पर किला बनाने की अनुमति दी थी कि किला या उसके भीतर की कोई भी इमारत उनके घर से ऊंची नहीं होगी. अगर किसी भी इमारत की छाया उनका कुटिया पर पड़ी तो ये किला नष्ट हो जाएगा.
मान्यताओं के मुताबिक माधो सिंह के पोते अजब सिंह ने साधु की इस चेतावनी को नजरअंदाज कर किले की ऊंचाई बहुत बढ़ा दी थी, जिसके परिणामस्वरूप साधु के घर पर महल की छाया पड़ी और शहर नष्ट हो गया. वहां कई युद्ध हुए और कई लोग मारे गए. कहते हैं आज भी उन लोगों की आत्माएं वहां भटक रही हैं. आस पास के लोगों का कहना है कि वहां औरत के चिल्लाने, चूड़ियां तोड़ने और रोने की आवाज आती है. वहीं, दिन के समय इस किले में जाने वाले कुछ लोगों ने भी बताया है कि किले में उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उनका पीछा कर रहा था.
अपनी खूबसूरती के अलावा यह किला भारत के सबसे हॉन्टेड प्लेस में से भी एक है. यही वजह है कि शाम 6 बजे के बाद किसी भी टूरिस्ट को इस किले में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यहां पैरानॉर्मल एक्टिविटी को देखा गया है. किले में मौजूद नेगेटिव एनर्जी की वजह से कोई भी शाम को यहां घूमने नहीं जाता है.