नई दिल्ली: देशभर में गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर पहली बार परेड हो रही है. गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी हैं. इस बार कर्तव्य पथ पर मार्चिंग पास्ट में भी मिस्र की सेना का दस्ता शामिल होगा.
क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र क्या है और गणतंत्र दिवस का क्या इतिहास है? 26 जनवरी 1950 को हमारा देश गणतंत्र बना था. आपको संविधान बनने की पूरी कहानी समझाते हैं.
गणतंत्र क्या है?
गणतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है. गण का तंत्र यानी आम जनता का सिस्टम.. इस तंत्र में ये सुनिश्चित किया जाता है कि जनता ही देश की सर्वोच्च शक्ति हो. जनता के चुने प्रतिनिधि शासन करें. जनता के हिसाब से शासन चले. जनता के लिए समर्पित शासन हो.
गणतंत्र दिवस का इतिहास
आजादी के बाद 1935 से गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट लागू था. 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ. 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा ने मंजूर किया था. 26 जनवरी 1929 में कांग्रेस का पूर्ण स्वराज्य का नारा दिया गया था.
संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन चुना गया. 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस की घोषणा हुई. गणतंत्र दिवस के ऐलान के साथ संविधान लागू हुआ. सी राजगोपालाचारी ने गणतंत्र दिवस की घोषणा की थी.
संख्या में संविधान
देश का संविधान 2 साल 11 महीने 18 दिन में तैयार हुआ था. ये 25 भागों और 470 अनुच्छेदों में बंटा था. देश का संविधान 12 सूचियों में बंटा है. दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.
संविधान निर्माण के लिए 114 दिन बैठक हुई. संविधान की मूल प्रति 16 इंच चौड़ी है. जो 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है. 284 संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हुए.
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