नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य वरुण गांधी (Varun Gandhi) किसानों को कृषि उत्पाद पर गारंटीशुदा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का अधिकार दिलाने के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक पेश करेंगे.
इस गैर सरकारी विधेयक के बारे में जानिए
लोकसभा सचिवालय की विधायी शाखा के 20 जुलाई के बुलेटिन के अनुसार, राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 117(3) के तहत सांसद वरुण गांधी के गैर सरकारी विधेयक ‘द फार्मर्स राइट टू गारंटीड मिनिमम सपोर्ट प्राइस रिएलाइजेशन ऑफ एग्री प्रोड्यूस बिल 2022’ पर लोकसभा में विचार करने की सिफारिश कर दी है.
इस निजी विधेयक का मकसद 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी प्रदान करवाना है, जिसे समग्र उत्पादन लागत के 50 प्रतिशत के लाभांश पर निर्धारित किया जाना चाहिए.
छोटे किसानों की परेशानियों को दूर करना मकसद
वरुण गांधी ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, 'हमें भारतीय किसानों को पेश आ रही समस्याओं के हर पहलुओं को समझना होगा और खासतौर पर छोटे एवं सीमांत किसानों को परेशानियों को दूर करना होगा . हमारे किसानों पर अनिश्चित बाजार जोखिम, अपर्याप्त आपूर्ति श्रृंखला एवं इससे संबंधित आधारभूत ढांच की कमी एवं खेती की लागत सहित व्यवहार्यता आदि से प्रभावित हैं.'
ऐसा किसान मुआवजे का हकदार होगा!
प्रस्तावित निजी विधेयक में इस बात की व्यवस्था है कि एमएसपी से कम कीमत हासिल करने वाला कोई भी किसान प्राप्त मूल्य और गारंटीशुदा एमएसपी के बीच मूल्य के अंतर के बराबर मुआवजे का हकदार होगा.
एमएसपी का आधार उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभांश होगा. इसमें यह भी कहा गया है कि एमएसपी से कम मूल्य पाने वाला किसान मुआवजे का हकदार होगा. फसलों का वर्गीकरण उसके गुणवत्ता मानकों के आधार पर होगा. निजी विधेयक में फसल भंडारण के बदले किसानों को ऋण का प्रवधान है. साथ ही किसानों को समय से भुगतान करने पर भी जोर दिया गया है.
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