यूपी सरकार की अपील, कांवड़ यात्रा के लिए पड़ोसी राज्य जारी करें आयडेंटिटी कार्ड

कांवड़ यात्रियों को भाला, त्रिशूल या किसी भी तरह का हथियार ले जाने की अनुमति नहीं होगी. मेरठ में कांवड़ यात्रा समन्वय बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के सीनियर अधिकारी शामिल हुए.

Last Updated : Jul 6, 2024, 11:48 PM IST
  • 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा.
  • मेरठ में हुई अहम बैठक.
यूपी सरकार की अपील, कांवड़ यात्रा के लिए पड़ोसी राज्य जारी करें आयडेंटिटी कार्ड

लखनऊ. यूपी की सरकार ने कांवड़ यात्रा के मद्देनजर शनिवार को पड़ोसी राज्यों से अपने-अपने क्षेत्रों के कांवड़ यात्रियों को आयडेंटिटी कार्ड जारी करने का अनुरोध किया.  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में हाईलेवल मीटिंग में पवित्र सावन मास में निकलने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर अधिकारियों को तैयारियां पुख्ता करने के निर्देश दिये थे. अब मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने मेरठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई.

अधिकारियों की अहम बैठक
मीटिंग में अधिकारियों ने कहा कि कांवड़ यात्रियों को भाला, त्रिशूल या किसी भी तरह का हथियार ले जाने की अनुमति नहीं होगी. कांवड़ यात्रा मार्ग पर बड़े संगीत उपकरणों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन ध्वनि निर्धारित कानूनी सीमा के भीतर होनी चाहिए तथा कांवड़ यात्रा की निगरानी सीसीटीवी और ड्रोन से की जाएगी.

क्या बोले मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी. मेरठ में कांवड़ यात्रा समन्वय बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के सीनियर अधिकारी शामिल हुए. मेरठ के सीमावर्ती जनपदों के वरिष्ठ अधिकारी ऑनलाइन जुड़े जबकि रेंज और मंडल के अधिकारी मौजूद रहे. सुरक्षा कारणों से पूरे मार्ग को पांच जोन में बांटा गया है तथा मार्ग में जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर और कांवड़ शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें श्रद्धालुओं के लिए विश्राम, भोजन और आवास की सुविधा होगी.

जानें किन बातों पर रहेगी पाबंदी
महिलाओं के लिए अलग से शिविर लगाए जाएंगे तथा स्वास्थ्य शिविरों में ‘एंटी वेनम इंजेक्शन’ भी उपलब्ध रहेंगे. कांवड़ यात्रियों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए यूपी और उत्तराखंड में आठ संयुक्त नियंत्रण कक्ष बनाए जाएंगे, जिनका संचालन दोनों राज्यों के अधिकारी करेंगे. डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि यात्रा के मद्देनजर यातायात व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं. जिन मार्गों से यात्रा शुरू होगी, वहां भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा और 21 जुलाई की रात 12 बजे से दिल्ली एक्सप्रेस वे, देहरादून एक्सप्रेसवे और चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. पुलिस यात्रा के दौरान बड़े संगीत उपकरणों पर बजाए जाने वाले गानों और ध्वनि की सीमा को नियंत्रित करेगी. दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान की सीमाओं पर विशेष सुरक्षा उपाय किए जाएंगे, जिसमें श्वान दस्ता, बम निरोधक दस्ते, आईबी, खुफिया और एलआईयू टीमें सक्रिय रहेंगी. कांवड़ मार्ग पर शराब और मीट की दुकानें बंद रहेंगी.

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