नई दिल्लीः शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों पर तीखा हमला करते हुए बुधवार को कहा कि उन (शिंदे) पर लगा 'गद्दार' का धब्बा कभी नहीं धुलेगा. ठाकरे स्थानीय प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क मैदान में वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित कर रहे थे. उधर, मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में हुई एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली में उद्धव का परिवार शामिल हुआ.
उन्होंने शिंदे पर निशाना साधा, जिनकी इस साल जून में की गई बगावत के कारण ठाकरे के नेतृत्व वाली प्रदेश की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार गिर गई थी.
'मेरे खिलाफ रची गई साजिश'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जैसे जैसे समय बदलता है, रावण का चेहरा भी बदल जाता है. आज, ये गद्दार (रावण के रूप में) हैं. जब मैं अस्वस्थ था और मेरी सर्जरी हुई थी, तो मैंने उन्हें (शिंदे को) जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उन्होंने यह सोचकर मेरे खिलाफ साजिश रची कि मैं (शायद) फिर कभी पैरों पर खड़ा नहीं हो पाऊंगा.’
'वफादार कार्यकर्ताओं की है शिवसेना'
ठाकरे ने कहा कि शिवसेना किसी एक व्यक्ति की नहीं है, बल्कि यह सभी वफादार शिवसेना कार्यकर्ताओं की है. उन्होंने कहा, ‘अगर आपको लगता है कि मुझे शिवसेना अध्यक्ष नहीं रहना चाहिए, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.’ पूर्व मुख्यमंत्री ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सत्ता की लालसा की एक सीमा होती है. विश्वासघात करने के बाद, वह अब पार्टी का चुनाव चिह्न भी चाहते हैं और पार्टी अध्यक्ष भी कहलाना चाहते हैं.’
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वादा तोड़ने के लिए सबक सिखाने के वास्ते पारंपरिक विरोधियों- कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- के साथ चुनाव के बाद गठबंधन किया था.
'बीजेपी से हिंदुत्व पर सबक लेने की जरूरत नहीं'
ठाकरे ने कहा, ‘मैं अपने माता-पिता की कसम खाकर कहता हूं कि यह तय किया गया था कि भाजपा और शिवसेना ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करेंगे.’ शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद को लेकर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया था. ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्हें भाजपा से हिंदुत्व पर सबक लेने की जरूरत नहीं है.
बीजेपी नेताओं पर उद्धव का निशाना
उन्होंने कहा, ‘भाजपा नेताओं ने नवाज शरीफ (पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री) के जन्मदिन पर बिना निमंत्रण के उनसे मुलाकात की और जिन्ना की कब्र के सामने नतमस्तक हुए.’ उन्होंने भाजपा पर गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान हटाने के लिए हिंदुत्व का मुद्दा उठाने का भी आरोप लगाया.
'चुनाव में गद्दारों को हराना होगा'
बढ़ती आय असमानता और बेरोजगारी की चुनौतियों के बारे में होसबाले के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने भाजपा को आईना दिखाया है.’ ठाकरे ने तीन नवंबर को अंधेरी पूर्व सीट से होने वाले विधानसभा चुनाव का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘आज मेरे पास कुछ भी नहीं है, लेकिन आपके समर्थन से शिवसेना फिर से उठेगी. मैं एक शिवसेना कार्यकर्ता को फिर से मुख्यमंत्री बनाऊंगा. हमें हर चुनाव में गद्दारों को हराना होगा.’
शिंदे की रैली में उद्धव का परिवार
उधर, उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे एकनाथ शिंदे की मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में हुई दशहरा रैली में बुधवार को शामिल हुए. शिंदे शिवसेना के बागी गुट की अगुवाई करते हैं. बीकेसी के एमएमआरडीए मैदान में हुई शिंदे की अगुवाई वाले गुट की रैली में जयदेव ठाकरे की उनसे अलग रह रही पत्नी स्मिता भी मौजूद थी.
साथ में उद्धव ठाकरे के सबसे बड़े भाई दिवंगत बिंदूमाधव ठाकरे के बेटे निहार भी रैली में मौजूद थे. इनके अलावा शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के 27 साल तक करीबी सहयोगी रहे चंपा सिंह थापा भी रैली में मौजूद थे.
हमें रैली में बुलाया गया थाः स्मिता
पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्मिता ठाकरे ने कहा कि शिंदे ने उन्हें रैली के लिए आमंत्रित किया था. बताया जाता है कि बाल ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे के अपने छोटे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मधुर संबंध नहीं हैं.
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