सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बिगड़े बोल, कहा- हिंदुओं ने बौद्ध स्तूप तोड़े

फिरोजाबाद में अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि औरंगजेब ने जितने मंदिर तुड़वाए थो उससे 100 गुना ज्यादा शंकराचार्य के शिष्यों ने बौद्ध स्तूपों को तोड़ा है.  

Last Updated : Feb 25, 2024, 06:39 PM IST
  • शंकराचार्य पर दिया विवादित बयान
  • शंकराचार्य के शिष्यों ने तोड़े बौद्ध स्तूप
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बिगड़े बोल, कहा- हिंदुओं ने बौद्ध स्तूप तोड़े

नई दिल्ली:  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने बीते शनिवार (24 फरवरी 2024) को संत रविदास की जयंती पर फिरोजाबाद के एक कार्यक्रम में एक भीड़ को संबोधित करते हुए एक विवादित बयान दिया. अपने बयान में राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि हिंदुओं ने बौद्ध स्तूपों को तोड़ा है. 

शंकराचार्य के शिष्यों ने बौद्ध स्तूपों को तोड़ा
फिरोजाबाद में अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि औरंगजेब ने जितने मंदिर तुड़वाए थो उससे 100 गुना ज्यादा शंकराचार्य के शिष्यों ने बौद्ध स्तूपों को तोड़ा है. बाद में इस कुरीति के खिलाफ डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने आवाज उठाई थी, लेकिन आज भी सत्ता में बैठे कुछ लोग इसी मानसिकता के हैं. राष्ट्रीय महासचिव ने ये विवादित बयान निजामपुर गढूमा नाम के एक गांव के किसी कार्यक्रम में दिया. 

बौद्ध धर्म को समाप्त करने की कोशिश की 
उन्होंने आगे कहा कि जब हिंदू धर्म में ऊंच-नीच, भेदभाव और छुआ-छूत जैसी सामाजिक कुरीतियां थीं तब भगवान बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी. यह धर्म आगे इतना लोकप्रिय हुआ कि न सिर्फ भारत बल्कि बर्मा, चीन और श्रीलंका समेत कई देशों में इसका खूब प्रचार- प्रसार हुआ. उन्होंने कहा कि इन देशों में आज भी बौद्ध धर्म को मानने वाले कई लोग रहते हैं. वहीं जो लोग सामन्तवादी थे वे हावी हो गए और उन्होंने हमारे देश से भगवान बुद्ध द्वारा स्थापित इस धर्म को लगभग समाप्त कर दिया था. उन्होंने देश में बनाए गए बौद्ध स्तूपों को भी लगभग तोड़ दिया था. 

जनता को अधिकारों को छीन रहे सत्ताधारी 
रामगोपाल यादव ने अपने भाषण में कहा कि सत्ता से जुड़े लोग आम जनता के मौलिक अधिकार को छीनने की कोशिश कर रहे हैं. संसद में कई ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो संविधान की मूल भावनाओं के बेहद खिलाफ हैं. हमें इसे रोकना ही  होगा.

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