नई दिल्ली: Rohit Vemula Case: रोहित वेमुला केस में तेलंगाना पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है. इसमें बताया गया है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था. उसने आत्महत्या इसलिए की क्योंकि उसे डर था कि उसकी असली जाति उजागर न हो जाए. यह दावा तेलंगाना पुलिस ने किया है.
पुलिस बोली-जाति प्रमाण पत्र फर्जी था
पुलिस ने रिपोर्ट में ये भी बताया कि वेमुला परिवार का जाति प्रमाण पत्र फर्जी था. सबूतों के अभाव के चलते केस बंद कर दिया गया. हाई कोर्ट ने रोहित वेमुला के परिवार को निचली अदालत में अपील करने को कहा.
#WATCH हैदराबाद, तेलंगाना: रोहित वेमुला मौत मामले पर बीजेपी प्रवक्ता रचना रेड्डी का कहना है, "तेलंगाना के गृह विभाग ने 2016 के विवादास्पद रोहित वेमुला आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में एक क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की है। दलित छात्र रोहित वेमुला को प्रबंधन द्वारा… pic.twitter.com/kD25BSxJQU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2024
CM से मिलेंगे रोहित के भाई
हालांकि, मृतक छात्र के भाई राजा ने इस दावे को गलत बताया. रोहित के भाई राजा वेमुला 4 मई को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलेंगे.
आरोपी भी बरी हो गए
पुलिस ने मामले में आरोपियों को भी बरी कर दिया. इनमें बंडारू दत्तात्रेय, एन. रामचंदर राव, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के वीसी अप्पा राव, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और एबीवीपी के कुछ नेता शामिल थे. कोर्ट में वेमुला परिवार के अधिवक्ता ने कहा कि कलेक्टर ने मामले का फैसला अभी तक पूरा नहीं किया है.
ये था पूरा मामला
गौरतलब है कि जनवरी 2016 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी. इस कारण यूनिवर्सिटी में दलितों के साथ हो रहे कथित भेदभाव के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
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