CPM ने की रमेश बिधूड़ी को गिरफ्तार करने की मांग, क्या अरेस्ट हो सकते हैं बीजेपी सांसद? जानें नियम

संसद में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की ओर से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में विपक्षी दल हमलावर हैं. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने रमेश बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. उन्होंने कहा, 'कहने की जरूरत नहीं है कि उक्त बयान शर्मनाक थे. उदाहरणों और परंपरा से पता चलता है कि विशेषाधिकार समिति के पास सदन के अंदर दिए गए बयानों पर विशेषाधिकार के उल्लंघन के सवालों की जांच करने का अधिकार है.' वहीं सीपीएम ने बिधूड़ी की गिरफ्तारी की मांग की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 23, 2023, 08:32 AM IST
  • क्या गिरफ्तार हो सकते हैं रमेश बिधूड़ी?
  • इंदिरा गांधी को भी जाना पड़ा था जेल
CPM ने की रमेश बिधूड़ी को गिरफ्तार करने की मांग, क्या अरेस्ट हो सकते हैं बीजेपी सांसद? जानें नियम

नई दिल्लीः संसद में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की ओर से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में विपक्षी दल हमलावर हैं. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने रमेश बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. उन्होंने कहा, 'कहने की जरूरत नहीं है कि उक्त बयान शर्मनाक थे. उदाहरणों और परंपरा से पता चलता है कि विशेषाधिकार समिति के पास सदन के अंदर दिए गए बयानों पर विशेषाधिकार के उल्लंघन के सवालों की जांच करने का अधिकार है.' वहीं सीपीएम ने बिधूड़ी की गिरफ्तारी की मांग की है.

अली ने भी मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपने को कहा
वहीं अली ने भी अपने मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपने के लिए लोकसभा अध्‍यक्ष को एक पत्र लिखा था और उनसे मामले की जांच का आदेश देने का भी आग्रह किया था. यहां तक कि असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने पर दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.

राजनाथ सिंह ने जताया था खेद
इधर सीपीएम अपने आधिकारिक हैंडल से एक्स पर कहा, 'नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए कोई विशेषाधिकार नहीं...रमेश बिधूड़ी को गिरफ्तार करें.' दरअसल बिधूड़ी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान अली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बाद में उन शब्दों को हटा दिया। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इस टिप्पणी पर खेद जताया था। 

क्या गिरफ्तार हो सकते हैं रमेश बिधूड़ी?
दरअसल प्रत्येक सांसद को संसद से कुछ विशेषाधिकार मिलते हैं. उनके विशेषाधिकार हनन की जांच विशेषाधिकार समिति करती है. अगर स्पीकर किसी मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेजते हैं और वह समिति अपनी रिपोर्ट में किसी भी सांसद को दोषी पाती है तो उस सांसद को निलंबित किया जा सकता है या सदन से बहिष्कृत किया जा सकता है. विशेषाधिकार हनन का दोषी पाए जाने पर कार्रवाई सदन पर निर्भर करती है. अगर सदन चाहे तो माफी कर सकता है या चेतावनी दे सकता है या गिरफ्तारी के लिए कह सकता है.

इंदिरा गांधी को भी जाना पड़ा था जेल
विशेषाधिकार हनन के मामले में 20 दिसंबर 1978 को इंदिरा गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई थी. उन्हें संसद सत्र चलने तक जेल भेज दिया गया था. हालांकि 26 दिसंबर 1978 को उन्हें रिहा कर दिया गया था और एक महीने बाद उनका निष्कासन वापस ले लिया गया था. 

आपातकाल खत्म होने के बाद मोररजी देसाई सरकार के दौरान गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह, इंदिरा गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए थे. उन पर काम में बाधा डालने, कुछ अधिकारियों को धमकाने, झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप थे. 

स्वामी को निस्कासित किया गया था
यही नहीं 1976 में सुब्रमण्यम स्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया था. इसे मंजूरी मिलने के बाद स्वामी को राज्यसभा से निस्कासित किया गया था. यानी बिधूड़ी के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है लेकिन यह स्पीकर पर निर्भर करता है कि वह विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हैं या खारिज कर देते हैं.

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