पसमांदा स्नेह यात्रा: यूपी की 80 सीटों पर फतह के लिए भाजपा को चाहिए '20' का साथ

Pasmanda Sneh Yatra: पसमांदा स्नेह यात्रा गाजियाबाद से शुरू होकर यूपी के सभी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जाएगी. 27 जुलाई से पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि के मौके पर भाजपा यह यात्रा शुरू करेगी.

Written by - PTI Bhasha | Last Updated : Jul 26, 2023, 12:09 PM IST
  • पसमांदा स्नेह यात्रा निकालेगी भाजपा
  • अल्पसंख्यकों को रिझाना है मकसद
पसमांदा स्नेह यात्रा: यूपी की 80 सीटों पर फतह के लिए भाजपा को चाहिए '20' का साथ

लखनऊ. Pasmanda Sneh Yatra: आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीट जीतने के लिए सत्ताधारी पार्टी भाजपा हर तरह के प्रयास में जुटी है. भाजपा पसमांदा मुसलमानों को रिझाने में लगी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी 27 जुलाई से राज्य में 'पसमांदा स्नेह यात्रा' शुरू करेगी. यह यात्रा गाजियाबाद से शुरू होकर यूपी के सभी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जाएगी.

दानिश आजाद का बयान
भाजपा सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री और अल्पसंख्यक मोर्चे के महामंत्री दानिश आजाद ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि के मौके पर 'पसमांदा स्नेह यात्रा' यात्रा को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे. यह यात्रा यूपी में पूरब से लेकर पश्चिम इलाके में घूमेगी. बता दें कि भाजपा की पसमांदा मुसलमानों को रिझाने की कोशिश बहुत दिनों से चल रही है.

क्या होगा यात्रा का रूट
-यात्रा की शुरुआत असल में एक अगस्त से होगी. 
-2 अगस्त को यात्रा बुलंदशर, हापुड़, मेरठ सहारनपुर में रहेगी.
-3 को बिजनौर चार को अमोरोहा में होगी. 
-5 अगस्त को मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर,रामपुर का दौरा होगा.
-6 को सीतपुर, लखनऊ और 7 अगस्त को बाराबंकी, बहराइच गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती में दौरा.
-8 अगस्त को अयोध्या, अमेठी सुल्तानपुर और प्रयागराज जायेगी. 
-9 अगस्त को भदोही, जौनपुर में यात्रा जाएगी.
-10 अगस्त को आजमगढ़, देवरिया गोरखपुर में यात्रा का पहला चरण खत्म हो जाएगा.

बिहार में दूसरा चरण 
इसके बाद अगला चरण बिहार से शुरू होगा. 42 लोगों की एक टीम तैयार की गई है. यात्रा का मकसद पसमांदा समाज के बीच में जाकर उन्हें केंद्र और राज्य की अच्छी योजनाओं के बारे में बताना है. 

कौन हैं पसमांदा मुस्लिम
पसमांदा मुसलमान जैसे जुलाहे, तेली, धुनिया, घासी, क़साई और धोबी वग़ैरह होते हैं. इन्हें देश में निचली जातियों में गिना जाता है . ये तबका बे समय से भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ़ोकस में रहा है.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पार्टी मुस्लिम समुदाय के वर्ग पर फोकस करने की कोशिश कर रही है.पार्टी ने यूपी में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद पसमांदा मुसलमान दानिश अंसारी को जगह देकर इसके संकेत भी दिए.पार्टी की पिछली दो कार्यकारिणियों  ख़ास तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने पसमांदा मुसलमानों का ज़िक्र किया था.
गौरतलब है कि यूपी के विधानसभा चुनाव में प्रयोग के तौर भाजपा ने गैर-यादव पिछड़ा और गैर जाटव दलितों के बीच घुसपैठ की थी उसी के तहत एक कोशिश यहां भी हो रही है.

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