नई दिल्ली: जम्मू के नगरोटा में जिन चार आतंकियों (Terror attack) को सेना ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया उस पर बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा और उनकी बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मिलकर आतंकी हमले की साजिश रची थी. दुश्मनों ने कश्मीर को दहलाने के लिए वारदातों की श्रृंखला शुरु करने की साजिश रची है.
मसूद अजहर का भाई है मास्टरमाइंड
आतंकी संगठन जैश के सरगना मसूद अजहर के भाई रऊफ लाला को इस बार कश्मीर को दहलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. रऊफ लाला को कुछ दिनों से पाकिस्तान के शक्करगढ़ सेक्टर में देखा जा रहा था. तभी से सेना और खुफिया एजेंसियां चौकन्ना थीं.
पाकिस्तान ने इन दिनों शक्करगढ़ के आसपास कई आतंकी कैंपों को एक्टिव कर रखा है जहां आतंकी ट्रेनिंग के साथ साथ जैश के फिदायीन ब्रिगेड को भी तैयार किया जा रहा है.
ऐसे चला साजिश का दौर
16 और 17 नवंबर की दरम्यानी रात रऊफ लाला ने जैश के दो माड्यूल को जम्मू की हीरा नगर इंटरनेशनल बॉर्डर से घुसपैठ कराई. पहले गुट में 4 आतंकी थी और दूसरे गुट में दो आतंकी. सेना को खुफिया सूत्रों से एक ट्रक में जैश के चार आतंकियों के छिपे होने की खबर मिल चुकी थी.
सेना ने नगरोटा टोल के पास नाका लगाकर चेकिंग शुरू की. जैसे ही ट्रक नंबर JK 01AL 1055 को जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने चेकिंग के लिए रोका उसमें छिपे एक आतंकी ने फायरिंग शुरू कर दिया. इसके फौरन बाद ट्रक का ड्राइवर वहां से फरार हो गया. उससे छिपे जैश के चारों आतंकी भी गोलियां चलाते हुए जंगल की तरफ भागने लगे.
मौके पर सीआरपीएफ के जवानों ने भी मोर्चा संभाला और थोड़ी देर में सेना के जवान भी पहुंच गए. इसके बाद दोनों तरफ से जबरदस्त फायरिंग शुरू हो गई. करीब 3 घंटे तक चली भीषण गोलीबारी के बाद चारों आतंकियों को मार गिराया गया. हालांकि आतंकियों के उस गुट का अभी सेना सुराग लगाने में लगी है जिसमें दो आतंकी और थे. उनके जंगल के रास्ते भाग जाने की आशंका है.
26/11 जैसी बड़ी वारदात की फिराक में थे जैश के आतंकवादी
सेना ड्रोन से आतंकियों के पूरे रूट पर नजर रख रही थी. लेकिन आतंकी इससे बेखबर थे और साउथ कश्मीर की तरफ जा रहे थे. जिस ट्रक में आतंकी छिपे थे उसमें चावल से भरी बोरियां रखी हुई थीं. आतंकियों ने उन्हीं बोरियों के बीच में छुपने की जगह बनाई थी और भारी तादाद में एके 47 राइफलें, ग्रेनेड, खाने-पीने का सामान और दवाएं छुपा रखी थीं.
जब पाकिस्तान से आए इन आतंकियों ने देखा कि वो पूरी तरह से घिर चुके हैं तो उन्होंने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से भी हमला किया . लेकिन आतंक के 'अब्बाजान' मसूद अजहर के चारों 'नाग' बच नहीं पाए और नगरोटा में सेना ने उनका दहन कर दिया.
कश्मीर में छिपा है आतंकियों का मददगार
जिस ट्रक में आतंकी सवार थे वो श्रीनगर का था और आमतौर पर सेब लाने- ले जाने के काम में इस्तेमाल होता था. इसे पिछले साल ही रजिस्टर कराया गया था. सेना अब इस बात का पता लगा रही है कि साउथ कश्मीर में वो कौन शख्स है जिसने आतंकियों को लाने के लिए ट्रक मुहैया कराया था.
इसके अलावा सेना के सामने चुनौती उन दो आतंकियों को भी ढूंढ़ निकालने की है जिनके जंगल में गुम हो जाने की खबर है. सेना और सुरक्षा बल इनकी धरपकड़ के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. जंगल के इलाकों पर भी ड्रोन से नजर रखी जा रही है ताकि जल्द से जल्द इन्हें ठिकाने लगा दिया जाए.
जैश के आतंकी सरगना मसूद अजहर के भाई रऊफ लाला ने इस साल 31 जनवरी को भी इसी तरह से आतंकी घुसपैठ की साजिश रची थी और सुरक्षाबलों ने बनटोल प्लाजा के पास आतंकियों को ढेरकर साजिश को नाकाम कर दिया था.
भारत के सेना अध्यक्ष नरवणे ने साफ कर दिया है कि जो भी आतंकी घाटी में आएगा उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा. अगर किसी ने पाकिस्तान के बहकावे में आकर गन उठाई तो उसका भी अंजाम वही होगा जो पाकिस्तानी आतंकियों का हुआ है.
जैश ने कब-कब जख्म दिए
- जैश ने 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिसमें 44 जवान शहीद हुए थे । इसके बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था.
- 18 सितंबर 2019 को जैश ने उरी में सेना के कैंप पर हमला किया जिसमें 16 जवान शहीद हुए थे उसके बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को कड़ा सबक दिया था. 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमले में भी जैश का हाथ था.
- 24 सितंबर, 2002 को मसूद अजहर ने अहमदाबाद के अक्षरधाम मंदिर पर हमला कराया .
- 13 दिसंबर, 200 को जैश और लश्कर ने मिलकर दिल्ली में भारतीय संसद पर हमला किया था. 1 अक्टूबर, 2001 को जैश ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला किया था.
भारत को दहलाने का मंसूबा रखता है मसूद अजहर?
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर बहावलपुर का रहने वाला है . साल 1994 में इसे श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था. 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद इसे छोड़ दिया गया था. 1 मई 2019 को यूएन ने इसे वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया.
लेकिन पाकिस्तान में वो खुलेआम घूम रहा है. चीन भी उसकी मदद कर रहा है . नगरोटा में मारे गए 4 आतंकियों के पास से जो हथियार मिले हैं उनमें कई हथियार मेड इन चाइना थे. जिससे पता चलता है कि कश्मीर को दहलाने की साजिश में चीन भी शामिल है.
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