Imran Khan Latest Update: तोशाखाने मामले में इमरान खान को मिली बड़ी राहत, जानें इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने क्या दिया आदेश

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान खान को तोशाखाने मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने तोशाखाना मामले में ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दी है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : May 12, 2023, 12:40 PM IST
  • इमरान खान के ऊपर क्या है आरोप
  • क्या है तोशाखाना कानून
Imran Khan Latest Update: तोशाखाने मामले में इमरान खान को मिली बड़ी राहत, जानें इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने क्या दिया आदेश

नई दिल्लीः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान खान को तोशाखाने मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने तोशाखाना मामले में ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दी है. इससे पहले इमरान खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए गुरुवार 11 मई को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया था.

इमरान खान के ऊपर क्या है आरोप
तोशाखाना मामले में PTI चीफ इमरान खान के ऊपर आरोप यह है कि उन्होंने विदेश दौरों पर मिले महंगे उपहारों को तोशाखाने से सस्ते कीमत पर खरीद लिया था. तोशाखाने से सस्ते कीमत में खरीदे गए इन उपहारों को इमरान ने फिर महंगे दामों पर बाजार में बेच दिया था. इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए इमरान खान ने तोशाखाना से संबंधित सरकारी कानून में भी बड़ा फेरबदल किया था. 

5.8 करोड़ मुनाफा कमाने का लगा आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इमरान खान ने तोशाखाने से उपहारों को 2.15 करोड़ में खरीदा था और उन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. इमरान खान की ओर से बेचे गए इन उपहारों में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी शामिल थीं.

क्या है तोशाखाना कानून
पाकिस्तान में तोशाखाना की स्थापना साल 1974 में हुई थी. तोशाखाना एक ऐसी जगह होती है, जहां पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्री, सरकारी अधिकारियो को अपनी विदेश यात्राओं के दौरान मिले उपहारों को रखा जाता है. तोशाखाना कैबिनेट डिविजन के नियंत्रण में आता है. 

इन लोगों पर लागू होता है तोशाखाना कानून
पाकिस्तान में तोशाखाना से जुड़ा कानून वहां के सर्वोच्च पदों पर स्थापित नेताओं और अधिकारियों पर लागू होता है. भले ही ये लोग छुट्टी पर हों या ड्यूटी पर, ये सभी लोग तोशाखाना कानून को मानने के लिए हर हाल में बाध्य होते हैं.

उपहार को अपने पास रखने के लिए है यह खास नियम
तोशाखाना नियम के मुताबिक, देश के सर्वोच्च पदों पर स्थापित नेताओं और अधिकारियों को विदेशी दौरों पर मिलने वाले उपहार को तोशाखाना में जमा कराना होता है. वहीं, अगर कोई गिफ्ट को अपने पास रखना चाहता है, तो उसे उस उपहार का कीमत चुकानी पड़ती है. इसके लिए एक समिति बनाई जाता है. 

बाजार की दर से तय होती है कीमत 
गठीत समिति बाजार की दर से उस गिफ्ट की कीमत तय करती है. इसके बाद संबंधित व्यक्ति को तय कीमत चुकता करने के बाद उपहार अपने पास रखने का हक मिल जाता है.

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