नई दिल्लीः Amritpal Singh Arrest: पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को घेर लिया था, जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी. पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चंडीगढ़ में यह जानकारी दी. पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमृतपाल को रासुका के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है.
कानून अपना काम करेगाः पुलिस महानिरीक्षक
गिल ने कहा, ‘अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के वारंट जारी किए गए और आज सुबह इन्हें तामील किया गया. कानून अपना काम करेगा.’ पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को एक महीने से अधिक समय से फरार रहने के बाद सुबह करीब छह बजकर 45 मिनट पर रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया.
'पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया था'
गिल ने कहा, ‘अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई ने एक संयुक्त अभियान चलाया. पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था. उसे चारों तरफ से घेर लिया गया था, पंजाब पुलिस ने गांव को घेर लिया था.’
पुलिस ने गुरुद्वारे में नहीं किया प्रवेश
पुलिस ने गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए उसमें प्रवेश नहीं किया. अमृतपाल इसी गुरुद्वारे में मौजूद था. पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, ‘(गुरद्वारा की) पवित्रता बनाए रखने के लिए पुलिस गुरुद्वारे में नहीं घुसी और वह जानता था कि अब वह भाग नहीं सकता क्योंकि पंजाब पुलिस ने उसे घेर लिया है. पंजाब पुलिस ने चारों ओर से गांव को घेर लिया था.’
मृतक आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले रोडे गांव से था और अमृतपाल सिंह को इस गांव में एक कार्यक्रम में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था. अमृतपाल सिंह कई दिन से फरार था. पुलिस को उसकी तलाश थी. फरारी के दौरान उसने कुछ वीडियो भी जारी किए थे.
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