कांग्रेस का BJP पर बड़ा आरोप, चुनावी बॉन्ड में भाजपा ने इन चार तरीके से किया भ्रष्टाचार!

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े 12 मार्च को चुनाव आयोग को सौंप दिए. इसके बाद आयोग ने उन आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया है. आंकड़ों के प्रकाश में आने के बाद कांग्रेस ने BJP पर इलेक्टोरल बॉन्ड में चार तरीकों से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Mar 15, 2024, 11:32 AM IST
  • जयराम रमेश ने बॉण्ड आईडी नंबर की मांग की
  • 'मार्च 2018 में बैंक ने बेची थी पहली किश्त'
कांग्रेस का BJP पर बड़ा आरोप, चुनावी बॉन्ड में भाजपा ने इन चार तरीके से किया भ्रष्टाचार!

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े 12 मार्च को चुनाव आयोग को सौंप दिए. इसके बाद आयोग ने उन आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया है. आंकड़ों के प्रकाश में आने के बाद कांग्रेस ने BJP पर इलेक्टोरल बॉन्ड में चार तरीकों से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि ये आंकड़े ‘लाभ के बदले लाभ पहुंचाने’, 'हफ्ता वसूली', 'रिश्वतखोरी' और 'मुखौटा कंपनियों के माध्यम से धनशोधन’ जैसी BJP के भ्रष्ट तरकीबों को बेनकाब करते हैं. 

जयराम रमेश ने बॉण्ड आईडी नंबर की मांग की
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मांग की है कि बॉण्ड आईडी नंबर उपलब्ध कराए जाएं. ताकि चंदा देने वालों और लेने वालों की पहचान की जा सके. उन्होंने एक्स पर लिखा, '1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने चुनावी बॉन्ड के रूप में चंदा दिया है. इसमें 2019 के बाद से भाजपा को मिला 6,000 करोड़ से अधिक का चंदा शामिल है.' साथ ही उन्होंने दावा किया है कि कंपनियों से जुड़े ऐसे कई मामले हैं, जब उन्होंने चुनावी बॉन्ड के रूप में चंदा दिया है, तो इसके तुरंत बाद उन्हें सरकार से भारी लाभ मिला है. 

'बहुत सरल है भाजपा की हफ्ता वसूली रणनीति'
उन्होंने कहा कि भाजपा की हफ्ता वसूली रणनीति बिल्कुल सरल है. वह यह है कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के जरिए किसी कंपनी पर छापे मारो और फिर उससे हफ्ता (चंदा) मांगो. उन्होंने कहा कि 30 चंदादाताओं में से कम से कम 14 के खिलाफ पहले छापे मारे गए. इसके बाद केंद्र सरकार से उन्हें कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से एहसान चुकाया. जैसे- वेदांता को 3 मार्च 2021 में राधिकापुर पश्चिम कोयला खदान मिली और उसने अप्रैल 2021 में 25 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा.

'मार्च 2018 में बैंक ने बेची थी पहली किश्त'
जयराम रमेश ने कहा, 'चुनावी बॉन्ड योजना के साथ एक बड़ी समस्या यह थी कि इसने यह प्रतिबंध हटा दिया कि किसी कंपनी के मुनाफे का केवल एक छोटा हिस्सा ही दान किया जा सकता है. इस वजह से कंपनियों के लिए काला धन दान करने का मार्ग प्रशस्त हुआ. एक और मुद्दा गुम आंकड़े का है. SBI द्वारा जारी आंकड़ों में अप्रैल 2019 से जानकारी दी गई है. लेकिन बैंक ने बॉन्ड की पहली किश्त मार्च 2018 में बेची थी. आंकड़ों से 2,500 करोड़ रुपये के बॉन्ड गायब हैं. मार्च 2018 से अप्रैल 2019 तक इन गायब बॉण्ड का डेटा कहां है?’ 

'पहली किश्त में BJP को मिली 95 प्रतिशत धनराशि'
उन्होंने कहा, "चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त में, भाजपा को 95 प्रतिशत धनराशि मिली. भाजपा किसे बचाने की कोशिश कर रही है? जैसे-जैसे चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों का विश्लेषण जारी रहेगा, भाजपा के भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले स्पष्ट होते जाएंगे. हम बॉण्ड आईडी नंबर की भी मांग करते रहेंगे, ताकि हम चंदा देने वालों और लेने वालों का सटीक मिलान कर सकें."

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